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Chaitra Navratri 2nd Day Aarti Lyrics: चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन आज मां ब्रह्मचारिणी के स्वरूप की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि जो भक्त पूरे श्रद्धाभाव से मैया का पूजन करते हैं उन्हें माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है. मां ब्रह्मचारिणी (Ma Brahmacharini) को तपश्चारिणी भी कहा जाता है क्योंकि हजारों वर्षों तक वे कठिन तपस्या करती रही थीं. मां ब्रह्मचारिणी के स्वरूप की बात करें तो मां अत्यधिक श्वेत वस्त्र धारण किए नजर आती हैं, उनके हाथों में अष्टदल की माला और एक हाथ में कमंडल नजर आते हैं.
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का उत्तम मुहूर्त आज 23 मार्च, को सुबह 6 बजकर 22 मिनट से सुबह 7 बजकर 54 मिनट तक माना जा रहा है. इसके अलावा पूजा का उन्नति मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 28 मिनट से 1 बजकर 59 मिनट तक है. वहीं, आज सर्वाद्ध सिद्ध योग पूरे दिन रहेगा.
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए सबसे पहले सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए लाल, पीले या सफेद रंग के वस्त्र धारण करते हैं.
अब व्रत का संकल्प लें.
पूजा में मां को उनकी पसंद की चीजें अर्पित की जाती हैं.
भक्त 'ऊं ऐं नम:' मंत्र का 108 बार जाप करते हैं.
या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
दधाना कर मद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू.
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।
या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
जय अम्बे ब्रह्मचारिणी माता,
जय चतुरानन प्रिया सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाते हो,
ज्ञान सभी को सिखाते हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा,
जिसको जपे सकल संसार।
जय गायत्री वेद की माता,
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।
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