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महर्षि वाल्मीकि जयंती इस साल 13 अक्टूबर को मनाई जा रही है. वाल्मीकि जयंती को उनके 'प्रगट दिवस' के रूप में भी मनाते हैं. संस्कृत में रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि को आदिकवि के रूप में भी जाना जाता है.
वाल्मीकि जयंती के दिन लोग सोशल मीडिया के जरिए एक-दूसरे को कोट्स, मैसेज और शुभकामना सन्देश भेजते हैं. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि आप अपने परिवार या दोस्तों को किन संदेशों से दे सकते हैं वाल्मीकि जयंती की बधाई.
वाल्मीकि पहले एक डाकू थे और इनका पालन-पोषण भील समुदाय में हुआ. हालांकि वे भील समुदाय के नहीं थे. पुराणों के मुताबिक, बचपन में एक भिलनी ने वाल्मीकि को चुरा लिया था, जिसके कारण उनका लालन-पालन एक भील समाज में हुआ और वह डाकू बने. हालांकि बाद में उन्होंने अपने इस रूप को त्याग कर नया जीवन शुरू करने का फैसला लिया था.
गुरु होता सबसे महान,
जो देता है सबको ज्ञान,
आओ इस वाल्मीकि जयंती पर करें अपने गुरु को प्रणाम
हैपी वाल्मीकि जयंती (सोर्स- Bharatstatus.com)
जैसे पके हुए फलों को गिरने के सिवा कोई भय नहीं,
वैसे ही पैदा हुए मनुष्य को मृत्यु के सिवा कोई भय नहीं.
जय महर्षि वाल्मीकि जी (सोर्स- Bharatstatus.com)
हम तो वो बादल है, जो सिर्फ बरसते है..
गरजे जो हमारे आगे.. वो घर को भागे..
जय वाल्मीकि भगवान... (सोर्स- Bharatstatus.com)
दर्शन देख देख मैं जीवा.. चरण धोए धोए मैं पीवा..
वाल्मीकि प्रभु सबसे ऊंचे..मैं सबना तो नीवा !! जय वाल्मीकि (सोर्स- Bharatstatus.com)
जय वाल्मीकि प्रभु जय वाल्मीकि...
आदि वाल्मीकि नमो नम: ब्रह्म वाल्मीकि नमो नम: (सोर्स- Bharatstatus.com)
महाकवि वाल्मीकि ने संस्कृत में महाकाव्य रामायण की रचना की, जिसकी प्रेरणा उन्हें ब्रह्माजी से मिली. रामायण में भगवान विष्णु के अवतार रामचंद्र जी के चरित्र का विवरण है. उन्होंने माता सीता के अपने आश्रम में रख उनकी रक्षा की. बाद में वाल्मीकि ने राम और सीता के पुत्रों, लव-कुश को ज्ञान दिया था.
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