Guru Arjan Dev का शहीदी दिवस आज, जानें महत्व व इतिहास

Guru Arjan Dev Martyrdom Day 2021: गुरु अर्जन देव के पुत्र हरगोबिंद सिंह उनके बाद सिखों के छठे गुरु बने.

क्विंट हिंदी
धर्म और अध्यात्म
Updated:
Guru Arjan Dev Martyrdom Day 2021
i
Guru Arjan Dev Martyrdom Day 2021
(फोटो: Altred by Quint)

advertisement

Guru Arjan Dev Ji Shaheedi Diwas 2021: सिखों के पांचवें गुरु, गुरु अर्जन देव का आज शहीदी दिवस है. गुरु अर्जन देव 16 जून 1606 को शहीद हुए थे. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गुरु अर्जन देव का शहादत दिवस जेठ सुदी 4 पर मनाया गया, जो इस साल 14 जून को पड़ा है.

1563 में तरनतारन जिले के गोइंदवाल में जन्मे गुरु अर्जन देव सिख धर्म के पहले शहीद थे उन्हें मुगलों द्वारा प्रताड़ित किए जाने के बाद उनकी मृत्यु हो गई.

उन्होंने सिख ग्रंथ आदि ग्रंथ का पहला संस्करण संकलित किया था, जिसे अब गुरु ग्रंथ साहिब के नाम से जाना जाता है. गुरु अर्जन देव की शहादत दिवस पर लोग धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं जहां वे श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ करते हैं. गुरुद्वारे में लंगर भी बांटे जाते हैं. इस साल कोविड-19 के चलते कोई बड़ा आयोजन नहीं किया जा रहा.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

हर साल सिख तीर्थयात्रियों का एक जत्था, लाहौर में गुरुद्वारा देहरा साहिब में गुरु अर्जन देव की शहादत दिवस पर पाकिस्तान जाता है. इस साल, जत्था 6 जून को पाकिस्तान के लिए रवाना होना था. जो इस साल रवाना नहीं हुआ.

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने बताया कि जत्था इस साल गुरु अर्जन देव के शहादत दिवस को मनाने के लिए पाकिस्तान की यात्रा नहीं कर पाएगा क्योंकि पाकिस्तान ने कोरोना वायरस महामारी के कारण इसकी अनुमति नहीं दी है.

Guru Arjan Dev Martyrdom Day 2021: गुरु अर्जन देव से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

  • गुरु अर्जन देव जी के नाना गुरु अमरदास और पिता गुरु रामदास सिखों के तीसरे और चौथे गुरु थे.
  • गुरु अर्जन देव के पुत्र हरगोबिंद सिंह उनके बाद सिखों के छठे गुरु बने.
  • गुरु अर्जन देव जी ने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर का निर्माण पूरा कराया.
  • 1588 ई. में अर्जन देव ने मंदिर का नक्शा तैयार किया, मंदिर के चारों ओर के दरवाजे चारों जातियों और धर्मों की स्वीकृति का प्रतीक हैं.
  • गुरु अर्जन देव सुप्रसिद्ध सुखमनी साहिब बानी के रचयिता भी थे. उन्होंने स्वयं 2,000 से अधिक भजनों का भी योगदान दिया, जो गुरु ग्रंथ साहिब में भजनों का सबसे बड़ा संग्रह था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 14 Jun 2021,10:11 AM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT