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आज देश भर में नाग पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है. ये पर्व सावन के महीने में मनाया जाता है और हिंदू धर्म में इसका बहुत महत्व है. नाग पंचमी वाले दिन सांपों को दूध पिलाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है. माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं.
इसके अलावा कहा जाता है कि Nag Panchami वाले दिन नाग देवता की पूजा करने से कुंडली में से सर्प दोष दूर हो जाते हैं.
उत्तर और दक्षिण भारत में अलग-अलग तिथि में नाग पंचमी मनाई जाती है. उत्तर भारत में सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को यह पर्व मनाया जाता है. वहीं दक्षिण भारत में यह पर्व कृष्ण पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है.
5 अगस्त के दिन नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त सुबह 5:49 से 8:28 के बीच था. वहीं तिथि समाप्ति इसी दिन दोपहर 3:54 तक रहेगी.
नाग पंचमी के दिन घरों के दरवाजों और दीवारों के कोनों पर नाग का चित्र बनाएं. इसके बाद फल, फूलों और दूध चढ़ाते हुए नाग देवता की पूजा करें.
नाग पंचमी के दिन रुद्राभिषेक का भी महत्व होता है. पुराणों में कहा गया है कि पृथ्वी का भार शेषनाग ने अपने सिर पर उठाया हुआ है, इसलिए उनकी पूजा की जाती है. ये दिन गरुड़ पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन नाग देवता के साथ गरुड़ की भी पूजा की जाती है.
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