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Chaitra Navratri 2023 9th Day: नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री (Maa Siddhidatri) की पूजा की जाती है. कमल पर विराजमान होने के कारण इन्हें मां कमला भी कहा जाता है. देवी सिद्धिदात्री ने मधु और कैटभ नाम के राक्षसों का वध करके दुनिया का कल्याण किया. यह देवी भगवान विष्णु की प्रियतमा लक्ष्मी के समान कमल के आसन पर विराजमान हैं और हाथों में कमल, शंख, गदा व सुदर्शन चक्र धारण किए हुए हैं.
मान्यता है कि इनकी पूजा से व्यक्ति को हर प्रकार की सिद्धि प्राप्त होती है. मार्केण्डेय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, ईशित्व और वशित्व, कुल आठ सिद्धियां हैं, जो कि मां सिद्धिदात्री की पूजा से आसानी से प्राप्त की जा सकती हैं. मां सिद्धिदात्री को खीर, हलवा-पूरी का भोग लगाया जाता है.
सिद्धगंधर्वयक्षाद्यैरसुरैररमरैरपि|
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी||
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
मां की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं.
स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें.
मां को रोली कुमकुम भी लगाएं.
मां को मिष्ठान और पांच प्रकार के फलों का भोग लगाएं.
मां स्कंदमाता का अधिक से अधिक ध्यान करें.
मां की आरती करें.
जय सिद्धिदात्री मां, तू सिद्धि की दाता
तू भक्तों की रक्षक, तू दासों की माता
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम
जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम
तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है
तू जगदंबे दाती तू सर्व सिद्धि है
रविवार को तेरा सुमिरन करे जो
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो
तू सब काज उसके करती है पूरे
कभी काम उसके रहे ना अधूरे
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया
रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया
सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली
जो है तेरे दर का ही अंबे सवाली
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता
भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता
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