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नवरात्रि (Navratri/ Navaratri) हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है. शारदीय नवरात्रि को दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता है. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है.
नवरात्रि के नौ दिनों को बेहद पवित्र माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान जो भी मां दुर्गा की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करता है, माता उसके मन की मुराद पूरी करती हैं.
शारदीय नवरात्रि को मुख्य नवरात्रि माना जाता है. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, शारदीय नवरात्रि शरद ऋतु में आश्विन शुक्ल पक्ष में शुरू होते हैं और पूरे नौ दिनों तक चलते हैं. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, नवरात्रि हर साल सितंबर-अक्टूबर महीने में पड़ता है. इस बार के शारदीय नवरात्रि 29 सितंबर (रविवार) से 7 अक्टूबर (सोमवार) तक हैं. वहीं 8 अक्टूबर को दशहरा या विजयादशमी (Dussehra or Vijayadashami) मनाई जाएगी.
शारदीय नवरात्रि में 10 तिथियां पड़ती है. पहले दिन से लेकर नवरात्रि के आखिरी दिन और फिर दशहरा की तिथि की महत्ता है.
नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है. कलश स्थापना को घट स्थापना भी कहा जाता है. नवरात्रि के पहले दिन (29 सितंबर) को सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत का शुभ संयोग बन रहा है.
ऐसी मान्यता है कि शुभ संयोग बनने के कारण कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त की अवधि लंबी रहेगी. हिंदू पंचाग के अनुसार, सुबह कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 16 मिनट से लेकर 7 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. ऐसे में घट स्थापना का शुभ समय 1 घंटा 24 मिनट है.
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