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Ram Navami 2023 Date and Time: नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री (Maa Siddhidatri) की पूजा की जाती है. कमल पर विराजमान होने के कारण इन्हें मां कमला भी कहा जाता है. देवी सिद्धिदात्री ने मधु और कैटभ नाम के राक्षसों का वध करके दुनिया का कल्याण किया. यह देवी भगवान विष्णु की प्रियतमा लक्ष्मी के समान कमल के आसन पर विराजमान हैं और हाथों में कमल, शंख, गदा व सुदर्शन चक्र धारण किए हुए हैं. हम आपकों राम नवमी पर भगवान राम की पूजा का शुभ मुहूर्त, सामग्री व पूजा विधि बता रहें हैं.
चैत्र नवरात्र की नवमी 30 मार्च, गुरुवार को पड़ रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार, नवमी तिथि 29 मार्च को रात 09 बजकर 07 मिनट पर शुरू होगी और 30 मार्च को रात 11 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी. श्रीराम की पूजा का समय - सुबह 11:17 - दोपहर 01:46 तक (अवधि 2.28).
राम दरबार की तस्वीर, रौली, मौली, चंदन, अक्षत, कपूर, फूल, माला, सिंदूर
श्रीराम की पीतल या चांदी की मूर्ति, अभिषेक के लिए दूध, दही, शहद, शक्कर, गंगाजल
मिठाई, पीला वस्त्र, धूप, दीप, सुंदरकांड या रामायण की पुस्तक, पान, लौंग, इलायची
अबीर, गुलाल, ध्वजा, केसर, पंचमेवा, पांच फल, हल्दी, इत्र, तुलसी दल
हवन कुंड, कपूर, तिल, गाय की घी, इलायची, शक्कर, चावल, आम की लकड़ी, नवग्रह की लकड़ी, पंचमेवा, मुलैठी की जड़, लौंग, आम के पत्ते, पीपल का तना, छाल, बेल, नीम, गूलर की छाल, चंदन की लकड़ी, अश्वगंधा, जटाधारी नारियल, गोला और जौ हवन के लिए जरुरी सामान.
राम नवमी के ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान के बाद सूर्य देवता को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें.
इसके बाद श्रीराम और श्रीरामचरितमानस की पूजा करें.
भगवान को पीले रंग के फूल, वस्त्र, चंदन आदि पूजन सामग्री चढ़ाएं, भोग में तुलसी पत्र डालकर प्रसाद अर्पित करें, घर की छत पर ध्वजा लगाएं और फिर घर में सुंदरकांड का पाठ करें.
'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं रामचन्द्राय श्री नम: मंत्र का 108 बार जाप करें.
राम नवमी पर नवरात्रि का समापन होता है ऐसे में इस दिन हवन करना न भूलें.
परिवार सहित सभी देवी-देवताओं के निमित्त हवन कुंड में आहुति दें फिर अंत में आरती करें.
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