advertisement
रमजान का पाक महीना चल रहा है. इसे मौसम-ए-बहार या नेकियों का महीना नाम से भी जाना जाता है. इस्लामी कैलेंडर के नौवें महीने में रमजान मनाया जाता है. रोजा रखने के लिए सूर्योदय से पहले सेहरी खाई जाती है. इसके बाद पूरे दिन कुछ भी खाया-पिया नहीं जाता है. सूरज ढलने के बाद मगरिब की अजान होने पर रोजा खोला जाता है, जिसे इफ्तार कहते हैं.
लोग रमजान पर एक-दूसरों को शुभकामनाएं भी देते हैं. रोजा रखने और खोलने का समय लोगों के लिए बहुत अहम होता है. इसलिए हम आपको रोजा रखने और खोलेने के समय के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
2019 Ramzan Iftar and Sehri Time Table in India | ||||||
DATE | DAY | SEHRI | IFTAR | |||
07-May | Tuesday | 4:09 AM | 7:01 PM | |||
08-May | Wednesday | 4:08 AM | 7:01 PM | |||
09-May | Thursday | 4:07 AM | 7:02 PM | |||
10-May | Friday | 4:06 AM | 7:03 PM | |||
11-May | Saturday | 4:05 AM | 7:03 PM | |||
12-May | Sunday | 4:04 AM | 7:04 PM | |||
13-May | Monday | 4:03 AM | 7:04 PM | |||
14-May | Tuesday | 4:02 AM | 7:05 PM | |||
15-May | Wednesday | 4:01 AM | 7:06 PM | |||
16-May | Thursday | 4:00 AM | 7:06 PM | |||
17-May | Friday | 4:00 AM | 7:07 PM | |||
18-May | Saturday | 3:59 AM | 7:07 PM | |||
19-May | Sunday | 3:58 AM | 7:08 PM | |||
20-May | Monday | 3:57 AM | 7:09 PM | |||
21-May | Tuesday | 3:57 AM | 7:09 PM | |||
22-May | Wednesday | 3:56 AM | 7:10 PM | |||
23-May | Thursday | 3:55 AM | 7:10 PM | |||
24-May | Friday | 3:55 AM | 7:11 PM | |||
25-May | Saturday | 3:54 AM | 7:11 PM | |||
26-May | Sunday | 3:53 AM | 7:12 PM | |||
27-May | Monday | 3:53 AM | 7:13 PM | |||
28-May | Tuesday | 3:52 AM | 7:13 PM | |||
29-May | Wednesday | 3:52 AM | 7:14 PM | |||
30-May | Thursday | 3:51 AM | 7:14 PM | |||
31-May | Friday | 3:51 AM | 7:15 PM | |||
01-Jun | Saturday | 3:51 AM | 7:15 PM | |||
02-Jun | Sunday | 3:50 AM | 7:16 PM | |||
03-Jun | Monday | 3:50 AM | 7:16 PM | |||
04-Jun | Tuesday | 3:49 AM | 7:17 PM | |||
05-Jun | Wednesday | 3:49 AM | 7:17 PM | |||
रमजान के पवित्र महीने में ही पहली बार 'कुरान' मानव जाति के लिए प्रकट हुई थी. मुस्लिम धर्म में मान्यता है कि रमजान के पूरे महीने में, शैतानों को नरक में जंजीरों में बंद कर दिया जाता है और आपकी सच्ची प्रार्थनाओं और भिक्षा के रास्ते में कोई नहीं आ सकता है.
माना जाता है कि जो लोग बिना नमाज के रोजा रखते हैं वह फाका कहलाता है. रोजा तभी कबूल होता है जब रोजदार से 5 वक्त की नमाज अदा करें.
रमजान के आखिरी दिन मुस्लिम धर्म का सबसे पड़ा त्योहार ईद-उल-फितर मनाया जाता है. इसे मीठी ईद भी कहते हैं.
मुस्लिम धर्म में ऐसा माना गया है कि पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र के युद्ध में विजय हासिल की थी और इसी खुशी में ईद उल-फितर मनाया जाता है. पहली बार ईद उल-फितर 624 ईस्वीं में मनाई गई थी. इस दिन मीठे पकवान खास तौर से मीठी सेवाइयां बनाई जाती हैं. दान देकर अल्लाह को याद किया जाता है और इस दान को ही फितरा कहा जाता है.
लोग गले मिलकर एक-दूसरे को ईद की शुभकामनाएं देते हैं. इस दिन खासतौर पर मुस्लिम लोग नए कपड़े पहनते हैं. लोग नमाज पढ़ते हैं और अल्लाह से सुख-शांति, बरकत के लिए दुआएं मांगते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)