Ramadan 2020: रमजान और रोजे की वो बातें जो सभी को जाननी चाहिए
सुबह सूरज निकलने से पहले सहरी का समय होता है.
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धर्म और अध्यात्म
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Ramadan 2020: रमजान और रोजे की वो बातें जो सभी को जानना चाहिए
(फोटो: iStock)
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मुस्लिम समुदाय का सबसे पाक रमजान का महीना शुरू हो चुका है. रमजान के महीने में लोग 30 दिनों तक रोजे रखते हैं. इस एक महीने, रोजे के दौरान सभी तय वक्त पर सुबह सहरी और शाम को इफ्तार करते हैं. रोजे में सहरी और इफ्तार दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. सुबह सूरज निकलने से पहले सहरी का समय होता है. इस दौरान लोग खाते-पीते हैं. इसके बाद सुबह फज्र की अजान के साथ रोजा शुरू होता है और सूरज ढलने के बाद मगरिब की अजान होने पर रोजा खोला जाता है.
रमजान आते ही कई लोगों के मन में रोजा रखने वालों को लेकर कई तरह के सवाल होते हैं. आइए आपको बताते हैं रमजान में क्या कर सकते हैं और क्या नहीं. सबसे पहले बात करते हैं कि क्या नहीं कर सकते हैं रमजान में.
रोजा में ये चीजें करना मना है
रोजे की सबसे पहली शर्त है भूखे रहना. मतलब सुबह जब सबसे पहली अजान होती है उस वक्त से लेकर शाम में सूरज डूबने तक कुछ भी नहीं खाना है ना ही पीना. कुछ नहीं मतलब कुछ भी नहीं. सिगरेट, जूस, चाय, पानी कुछ भी नहीं.
दूसरों की बुराई या झूठ बिलकुल भी ना बोलें
लड़ाई, झगड़ा, गाली देना इन सब चीजों से रोजा टूट जाता है
शारीरिक संबंध बनाना भी मना है
किसी भी औरत या मर्द को गलत नजर से देखना भी मना
जानबूझ कर उल्टी करने से भी रोजा टूट जाता है
इस्लाम में शराब हराम है, मतलब शराब पीना गुनाह माना जाता है. ऐसे में चाहे रमजान हो या ना हो शराब का सेवन की एकदम मनाही है.
रोजे में इन चीजों का रखें खयाल और सवाब से हो जाएं मालामाल
रमजान का महीना इबादत का महीना है. मतलब इस महीने ज्यादा से ज्यादा ऐसा काम किया जाये जिससे अल्लाह खुश हो. और अल्लाह को खुश करने के लिए सबसे जरूरी है उसके बताए रास्ते पर चलना.
ज्यादा से ज्यादा अल्लाह को याद करें. नमाज और कुरान पढ़ें. क्योंकि इस महीने में जो इबादत की जाती है, आम दिनों के मुकाबले ज्यादा सवाब मतलब पुण्य होता है.
एक दूसरे की मदद करें
जकात और फितरा दें. मतलब गरीब को ज्यादा से ज्यादा दान करें
रोजेदारों को इफ्तार कराएं
मिस्वाक (दातुन) करना
सेहरी (सुबह के वक्त का खाना) का इंतजाम करें, मतलब सुबह सूरज निकलने से पहले कुछ खाएं और दूसरों को भी खिलाएं
नई दिल्ली की जामा मस्जिद पर नमाज अदा करने के बाद मस्ती करते बच्चे (फोटो: पीटीआई)
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इन हालातों में नहीं टूटते हैं रोजे
रोजा को लेकर कई तरह के भ्रम सामने आते रहते हैं. किन हालातों में रोजा टूट जाता है किन हालातों में नहीं? आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ धारणाओं और मान्यताओं के बारे में.
गलती से कुछ खा लेने से नहीं टूटता है रोजा- कई बार इंसान ये भूल जाता है कि वो रोजा है और ऐसे में गलती से कुछ खा लेता है, तो इस हालत में रोजा नहीं टूटेगा. लेकिन इसके लिए शर्त है कि अगर खाने के बीच में ही आपको याद आ जाए कि आप रोजा हैं तो खाना तुरंत छोड़ देना होगा.
नहाने के दौरान पानी का नाक या मुंह में जाना- कई बार नहाने के वक्त पानी मूंह या नाक में चला जाता है तो ऐसे मौके पर रोजा टूटता नहीं है, लेकिन जानबूझ कर पानी पी लेने से रोजा टूट जाएगा
अपना थूक निगलने से नहीं टूटता है रोजा
नाखुन काटने या बाल दाढ़ी बनाने से भी नहीं टूटता है रोजा
कैसे करें रोजे की शुरुआत?
सुबह खाए जाने वाली सेहरी को कभी नहीं छोड़ें क्योंकि यह आपके लिए सबसे जरूरी खाना होता है. जिस पर आपका पूरा दिन और शरीर निर्भर रहता है.
रात में भीगे बादाम के साथ अपने दिन की शुरुआत करें और फिर फलों के साथ जूस या दूध का सेवन करें
दिन भर खुद को अच्छा महसूस कराने के लिए हाई-फाइबर वाला खाना जैसे सब्जियों के साथ पनीर/ चिकन/अंडे के साथ मल्टीग्रेन वाली रोटी खाएं.
ओट्स या म्लटीग्रेन आटे से बने स्टफ परांठे के साथ नॉन-स्टिक पैन पर बने पनीर या अंडे की भुरजी खाएं, जिससे दिनभर आपका शरीर को खुशनुमा महसूस करेगा.
अगर घर पर भी सेहरी करते हैं, तब भी भारी खाने से बचें, क्योकि सेहरी में ज्यादा तला-भुना या नमकीन खाएंगे, तो उससे प्यास ज्यादा लगेगी और ऑफिस में दिन भर सुस्त महसूस करेंगे. नींद आने की भी संभावना रहेगी.
सेहरी में दूध के साथ दलिया,ओट्स, साबूदाना या फल शामिल करें, ताकि हाइड्रेटेड रहें और कमजोरी न लगे.
ये चीजें बिल्कुल न करें
जब आप अपना रोजा खोलें, तो हर दो घंटे में पानी जरूर पिएं. चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन न करें, क्योंकि ये शरीर में पानी की कमी पैदा करते हैं.
मधुमेह रोगियों को खजूर के सेवन से बचना चाहिए और जिन्हें लैक्टोस से समस्या है, वे नियमित दूध के बजाय सोया मिल्क का सेवन कर सकते हैं.