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सावन का महीना शुरू हो चुका है. ऐसे में भोलेबाबा के भक्त व्रत और पूजा-पाठ करके भगवान शिव को प्रसन्न करने में जुट गए हैं. सावन के पहले दिन ही सावन का पहला सोमवार व्रत होता है. इस साल सावन मास में पांच सोमवार पड़ रहे हैं. सावन मास में पांच सावन सोमवार व्रत का विशेष महत्व माना गया है.
सावन सोमवार का व्रत रखने वालों के लिए यह उत्तम है. मान्यता है संतान प्राप्ति, उत्तम स्वास्थ्य और मनोवांछित जीवन साथी के लिए यह व्रत किया जाता है. भगवान शिव की आराधना से वैवाहिक जीवन के दोषों तथा अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है.
सोमवार के दिन प्रात:काल में स्नान आदि कर स्वच्छ हो लें. इसके बाद साफ कपड़े पहनें तथा पूजा स्थान की सफाई कर लें. भगवान शिव और माता पार्वती की तस्वीर या मूर्ति को गंगाजल से साफ कर लें. अब जल पात्र में गंगा जल मिला हुआ पानी भर लें. इसके पश्चात दाहिने हाथ में जल लेकर सावन सोमवार व्रत एवं पूजा का संकल्प करें.
अब ओम नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान शिव शंकर का जलाभिषेक करें. उनको अक्षत्, सफेद फूल, सफेद चंदन, भांग, धतूरा, गाय का दूध, धूप, पंचामृत, सुपारी आदि चढ़ाएं. कम से कम 12 बेलपत्र शिव जी को अर्पित करें. बेलपत्र चढ़ाते समय ओम नम: शिवाय शिवाय नम: मन्त्र का उच्चारण करें.
सावन के महीने में मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. इन चीजों का त्याग कर सात्विक भोजन करना चाहिए.
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