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Sawan Somvar Vrat 2021: सावन शिवरात्रि जानें पूजा विधि, व्रत कथा व आरती

Sawan Somvar Vrat 2021: मान्यता है सावन सोमवार का व्रत रखने वालों भक्तों पर भगवान शिव की विशेष कृपा रहती है.

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धर्म और अध्यात्म
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<div class="paragraphs"><p>Sawan Somvar Vrat 2021 Katha, Puja Vidhi</p></div>
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Sawan Somvar Vrat 2021 Katha, Puja Vidhi

(फोटो: istock)

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Sawan Somvar Vrat 2021: सावन का महीना 25 जुलाई से शुरू हो रहा है, भगवान शिव की कृपा पाने के लिए यह महीना सबसे शुभ माना जाता है. इस महीने के दौरान भगवान भोलेनाथ के भक्त उनकी भक्ति व व्रत करते हैं. इस साल सावन का पहला सोमवार 26 जुलाई को पड़ रहा है. इस साल सावन मास में चार सोमवार पड़े हैं.

पहला सावन सोमवार- 26 जुलाई का है, दूसरा सावन सोमवार- 2 अगस्त 2021 का है, तीसरा सावन सोमवार- 9 अगस्त 2021 का है और चौथा सावन सोमवार-16 अगस्त 2021 का है. मान्यता है सावन सोमवार का व्रत रखने वालों भक्तों पर भगवान शिव की विशेष कृपा रहती है.

Sawan Somvar Vrat की पूजा विधि

  • सोमवार के दिन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ शुद्ध वस्त्रों को धारण करें.

  • इसके बाद पूजा के स्थान की साफ-सफाई कर लें.

  • भगवान शिव और माता पार्वती की तस्वीर या मूर्ति को गंगाजल से साफ कर लें.

  • अब जल पात्र में गंगा जल भर लें.

  • अब अपने दाहिने हाथ में जल लेकर सावन सोमवार व्रत एवं पूजा का संकल्प करें.

  • ओम नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान शिव शंकर का जलाभिषेक करें.

  • उनको अक्षत्, सफेद फूल, सफेद चंदन, भांग, धतूरा, गाय का दूध, धूप, पंचामृत, सुपारी, बेलपत्र चढ़ाएं.

  • सामग्री चढ़ाते समय ओम नम: शिवाय शिवाय नम: मन्त्र का उच्चारण करें.

  • इसके बाद आरती कर पूजा का समापन करें.

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भगवान शिव की आरती: Shivji ki Aarti, Om Jai Shiv

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव...॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव...॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव...॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव...॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव...॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।

जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव...॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव...॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव...॥

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव...॥

जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा...॥

सावन सोमवार की व्रत कथा

शहर में रहने वाले एक साहूकार के जीवन में बहुत बड़ा दुख उसकी कोई संतान का न होना था. संतान प्राप्ति के लिए वह हमेशा भगवान शिव व देवी पार्वती की पूजा करता था. एक दिन उसकी भक्ति देख देवी पार्वती ने भगवान शिव से साहूकार की मनोकामना पूर्ण करने को कहा तो भगवान शिव ने कहा, भगवान ने देवी पार्वती के जिद्द को पूरा करते हुए साहूकार को पुत्र-प्राप्ति का वरदान दिया.

और बताया कि बालक की 12 वर्ष की उम्र में उसकी मृत्यु हो जाएगी. कुछ समय के बाद साहूकार को पुत्र की प्राप्ति हुई और जब वह 11 साल का हुआ तो साहुकार ने बेटे को पढ़ने भेज दिया साथ ही पुत्र को धन देकर कहा कि रास्ते में वह यज्ञ व ब्राह्मणों को भोजन करवाते हुए जाए.

व्रत में क्या खाएं

सावन के महीने में लोग व्रत करते है ऐसे में अगर आप भी व्रत रखने वाले है तो आपको अपनी डाइट में कुछ ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए जिससे आपकी इम्यूनिटी पावर अच्छी बनी रहे.

  • व्रत के दिन शुद्ध शाकारहारी भोजन करना चाहिए.

  • फल का सेवन करना चाहिए.

  • साबूदाना की खिचड़ी खा सकते.

  • सिंघाड़े के आटे का हलवा.

  • दही का सेवन करें.

  • सूखे मेवे.

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