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Shardiya Navratri 2022 Ashtami: महा अष्टमी पूजन का शुभ मुहुर्त, पूजा विधि व आरती

Navratri 2022 Ashtami: इस दिन मां दुर्गा के आठवें रूप मां महागौरी की पूजा की जाती हैं.

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धर्म और अध्यात्म
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<div class="paragraphs"><p>Durga Ashtami 2022</p></div>
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Durga Ashtami 2022

(फोटो- Twitter)

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Navratri 2022 Ashtami Puja Date and Time: नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि का खास महत्व होता है. शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथ आज 3 अक्टूबर 2022 के दिन है. इसे महा अष्टमी और दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन मां दुर्गा के आठवें रूप मां महागौरी की पूजा की जाती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी ने कठोर तप से गौर वर्ण प्राप्त किया था. चार भुजाओं वाली देवी महागौरी त्रिशूल और डमरू धारण करती हैं. दो भुजाएं अभय और वरद मुद्रा में रहती हैं. महाअष्टमी पर मां महागौरी की पूजा में श्वेत या जामुनी रंग शुभ माना गया है.

नवरात्रि अष्टमी 2022 मुहूर्त

  • महा अष्टमी तिथि प्रारंभ 2 अक्टूबर 2022, शाम 06:47

  • अष्टमी तिथि समाप्त 3 अक्टूबर 2022, शाम 04:37

  • सन्धि पूजा मुहूर्त - शाम 04:13 से शाम 05:01 तक

  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 05.59 से शाम 06.23 तक

  • अमृत काल - शाम 07.54 से रात 09.25 तक

  • शोभन योग - 02 अक्टूबर 2022, शाम 05.14 से 03 अक्टूबर 2022, दोपहर 02.22 तक

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नवरात्रि अष्टमी 2022 मां महागौरी पूजा विधि

  • महा अष्टमी पर घी का दीपक लगाकर देवी महागौरी की पूजा करें.

  • मां को रोली, मौली, अक्षत, मोगरा पुष्प अर्पित करें.

  • इस दिन देवी को लाल चुनरी में सिक्का और बताशे रखकर जरूर चढ़ाएं इससे मां महागौरी प्रसन्न होती हैं.

  • नारियल या नारियल से बनी मिठाई का भोग लगाएं.

  • मंत्रों का जाप करें और अंत में मां महागौरी की आरती करें.

  • कई लोग अष्टमी पर कन्या पूजन और हवन कर व्रत का पारण करते हैं.

  • महा अष्टमी पर देवी दुर्गा की पूजा संधि काल में बहुत लाभकारी मानी गई है.

महागौरी की आरती

जय महागौरी जगत की माया

जय उमा भवानी जय महामाया

हरिद्वार कनखल के पासा

महागौरी तेरा वहा निवास

चंदेर्काली और ममता अम्बे

जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे

भीमा देवी विमला माता

कोशकी देवी जग विखियाता

हिमाचल के घर गोरी रूप तेरा

महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा

सती 'सत' हवं कुंड मै था जलाय

उसी धुएं ने रूप काली बनाया

बना धर्म सिंह जो सवारी मै आया

तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया

तभी मां ने महागौरी नाम पाया

शरण आने वाले का संकट मिटाया

शनिवार को तेरी पूजा जो करता

माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता

'चमन' बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो

महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो

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