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Tulsidas Jayanti 2022: गोस्वामी तुलसीदास को उनके लोकप्रिय नाम तुलसीदास के नाम से जाना जाता है. वह एक महान हिंदू संत व बड़े ज्ञानी कवि थे. हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, तुलसीदास का जन्म श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष की 'सप्तमी' के दिन हुआ था. इस साल हम तुलसीदास जी की 525वीं जयंती मना रहें है जो कि 4 अगस्त 2022 को मनाई जा रही है. तुलसीदास ने कई रचनाओं की रचना की, इसके अलावा उन्हें महाकाव्य रामचरितमानस के लेखक के रूप में जाना जाता है, जो स्थानीय अवधी भाषा में संस्कृत रामायण का पुनर्लेखन है.
तुलसीदास को संस्कृत में मूल रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का पुनर्जन्म माना जाता था. उन्हें हनुमान चालीसा का संगीतकार भी माना जाता है, जो अवधी में भगवान हनुमान को समर्पित एक लोकप्रिय भक्ति भजन है.
तुलसीदास ने अपना अधिकांश जीवन वाराणसी शहर में बिताया. वाराणसी में गंगा नदी पर प्रसिद्ध तुलसी घाट का नाम उन्हीं के नाम पर रखा गया है. माना जाता है कि भगवान हनुमान को समर्पित प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर की स्थापना तुलसीदास ने की थी.
तुलसीदास की 525वीं जन्म वर्षगांठ 4, अगस्त 2022 को मनाई जा रही हैं.
सप्तमी तिथि प्रारम्भ - 04 अगस्त, 2022 को 05:40 AM बजे से.
सप्तमी तिथि समाप्त - 05 अगस्त, 2022 को 05:06 AM बजे से.
आज तुलसीदास जयंती के अवसर पर हम आपके लिए उनके द्वारा, लिखे गए दोहे, पंक्तियां व मैसेज कोट्स आदि लेकर आए हैं. जिन्हे शेयर कर आप तुलसी दास जी को याद कर सकते है.
1. तुलसी जे कीरति चहहिं, पर की कीरति खोइ।
तिनके मुंह मसि लागहैं, मिटिहि न मरिहै धोइ।।
2. काम क्रोध मद लोभ की जौ लौं मन में खान ।
तौ लौं पण्डित मूरखौं तुलसी एक समान ।।
3. तुलसी साथी विपत्ति के, विद्या विनय विवेक ।
साहस सुकृति सुसत्यव्रत,राम भरोसे एक ।।
4. तुलसी मीठे बचन ते सुख उपजत चहुं ओर। .
बसीकरन इक मंत्र है परिहरू बचन कठोर।।
5. तुलसी साथी विपत्ति के, विद्या विनय विवेक।
साहस सुकृति सुसत्यव्रत, राम भरोसे एक।।
1. हनुमान चालीसा लिखी, अमर अमिट ये गाथा
घट में हरी बसे तुम्हरे, मन भक्ति में लागा
दरस दिए राम लला ने, हनुमत संग बिराजे
उदय हुआ सुख का सूरज, भाग्य किस्मत जागा.
2. जय हनुमान ज्ञान गुण सागर,
जय कपिस तिहु लोक उजागर,
रामदूत अतुलित बल धामा,
अंजनीपुत्र पवन सूत्त नामा,
जय श्री राम जय हनुमान,
हनुमान जयंती की शुभकामनाएं.
3. जनम दिवस है आज राम भक्त हनुमान का,
पवन पुत्र, बजरंग बली भगवान का,
मिल कर करो गुणगान उस बलवान का,
हनुमान जयंती की शुभकामनाएं.
4. नमन करू तुम चरणों में, राम चरित के रचेता
तुलसीदास दोनों कर जोडू, राम ह्रदय विजेता.
5. धर्म किसी देश के सभी लोगों को एकजुट रखने में समर्थ होता है,
6. अभिमानी व्यक्ति चाहे वह आपका गुरु,
पिता व उम्र अथवा ज्ञान में बड़ा भी हो,
उसे सही दिशा दिखाना अति आवश्यक होता है.
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