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Chhath Puja 2023 Calendar: महापर्व छठ (Mahaparv Chhath) कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है, लेकिन इसकी शुरुआत चतुर्थी तिथि से नहाय-खाय के साथ हो जाती है और सप्तमी तिथि को व्रत का पारण किया जाता है यानि यह महापर्व छठ (Mahaparv Chhath) चार दिनों तक चलता है. ऐसे में चारों ओर छठ पूजा की तैयारी शुरू हो गई है और घर-घर छठ मईया व सूर्य देव के गीत भी गाए जा रहे हैं.
छठ पर्व पूरे चार दिनों तक चलता है और इसमें व्रती पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती है. इसलिए छठ व्रत को कठिन व्रतों में एक माना गया है. इस साल छठ पर्व की शुरुआत 17 नवंबर 2023 से हो रही है. इस दिन व्रती नहाय-खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत करेगी. वहीं 20 नवंबर को ऊषा अर्घ्य और पारण के साथ छठ पर्व का समापन हो जाएगा. छठ व्रत सुहाग की लंबी आयु, संतान के सुखी जीवन और घर पर सुख-समृद्धि की कामना के लिए रखा जाता है.
पहला दिन शुक्रवार, 17 नवंबर 2023 को नहाय-खाय के साथ होती है.
दूसरे दिन शनिवार, 18 नवंबर 2023 को खरना होता है.
तीसरे दिन रविवार, 19 नवंबर 2023 को संध्या अर्घ्य दिया जाता है.
चौथे दिन सोमवार, 20 नवंबर 2023 को उषा अर्घ्य होता हैं.
छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है. इस दिन सूर्योदय 06 बजकर 45 मिनट पर होगा और सूर्यास्त शाम 05 बजकर 27 मिनट पर होगा. नहाय खाय के दिन व्रती सुबह नदी स्नान करती है और इसके बाद नए वस्त्र धारण कर प्रसाद ग्रहण करती है.
छठ पूजा के नहाय-खाय में प्रसाद के रूप में कद्दू चना दाल की सब्जी, चावल आदि बनाए जाते हैं. सभी प्रसाद सेंधा नमक और घी से तैयार होता है. व्रती के प्रसाद ग्रहण करने के बाद घर के अन्य सदस्य भी इस सात्विक प्रसाद को ग्रहण करते हैं.
छठ पर्व के दूसरे दिन शनिवार 18 नवंबर 2023 को खरना होता है, इस दिन सूर्योदय सुबह 06 बजकर 46 मिनट और सूर्यास्त शाम 05 बजकर 26 मिनट पर होगा. खरना के दिन व्रती केवल एक ही समय शाम में मीठा भोजन करती है. इस दिन मुख्य रूप से चावल के खीर का प्रसाद बनाया जाता है, जिसे मिट्टी के चूल्हे में आम की लकड़ी जलाकर बनाया जाता है. इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद व्रती का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है, इसके बाद सीधे पारण किया जाता है.
तीसरे दिन रविवार 19 नवंबर 2023 को संध्या अर्घ्य होता है. इस दिन घर-परिवार के सभी लोग घाट पर जाते हैं और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन सूर्यास्त शाम 05 बजकर 26 मिनट पर होगा. इस दिन सूप में फल, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि प्रसाद को सजाकर और कमर तक पानी में रहकर परिक्रमा करते हुए अर्घ्य देने की परंपरा है.
महा पर्व छठ के अंतिम यानि चौथे दिन सप्तमी तिथि को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. इस साल ऊषा अर्घ्य सोमवार 20 नवंबर 2023 को है. इस दिन सूर्योदय सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर होगा. इसके बाद व्रती प्रसाद ग्रहण कर पारण करती है.
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