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Muharram 2023 Date: मुहर्रम, इस्‍लामिक नव वर्ष कब है, जानें तिथि व महत्व

Muharram 2023: मुहर्रम की 10 तारीख यानि यौम-ए-अशूरा 29 जुलाई शनिवार को होगा.

अंशुल जैन
धर्म और अध्यात्म
Published:
<div class="paragraphs"><p>Muharram 2023.</p></div>
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Muharram 2023.

(Photo: The Quint)

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Muharram 2023: मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है यानि इस महीने से ही इस्लाम का नया साल (Islamic New Year 2023) शुरू माना जाता है. जिसका हर मुस्लिमों (Muslims) को इंतजार है. इस दिन को करबला में शहीद इमाम हुसैन, पैगंबर मुहम्मद के पोते, उनके परिवार और साथियों की याद में मुसलमानों के बीच शोक के रूप में मनाया जाता है. इस साल 18 जुलाई को चांद नहीं दिखाई दिया इसलिए मुहर्रम अब 20 जुलाई से शुरु हो रहा है. मुहर्रम की 10 तारीख यानि यौम-ए-अशूरा 29 जुलाई शनिवार को होगा.

यौम-ए-आशूरा क्या

मुहर्रम की दसवीं तारीख यानी यौम-ए-आशूरा के दिन ताजिए निकाले जाते हैं. ताजिया लकड़ी और कपड़ों से गुंबदनुमा बनाया जाता है और इसमें इमाम हुसैन की कब्र का नकल बनाया जाता है, इसे झांकी की तरह सजाते हैं और एक शहीद की अर्थी की तरह इसका सम्मान करते हुए उसे कर्बला में दफन करते हैं.

इस्मालिक मान्यताओं के अनुसार, कई सौ साल पहले मुहर्रम के 10वें दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी. दरअसल, कर्बला की जंग में इस्लाम की रक्षा करने के लिए अपने परिवार और 72 साथियों के साथ शहादत दी थी. कहा जाता है कि यह जंग इराक और कर्बला में यजीद की सेना और हजरत इमाम हुसैन के बीच हुई थी.

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मुहर्रम में रख सकते हैं रोजा

मुहर्रम में रोजा रखने को लेकर शिया और सुन्नी की अलग अलग मान्यताएं हैं. शिया समुदाय के लोग 1 से लेकर 9 तारीख तक रोजा रख सकते हैं. लेकिन, मुहर्रम की 10वीं तारीख को रोजा नहीं रखा जाता है. यानी यौम-ए-आशूरा को रोजा नहीं रखा जाता है.

जबकि सुन्नी समुदाय के लोग 9वें और 10वें तारीख को रोजा रखते हैं, साथ ही शिया समुदाय के लोग इस पूरे महीने को मातम के तौर पर मनाते हैं और वह ऐसा काले रंग के कपड़े पहनकर करते हैं.

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