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Vishwakarma Puja 2023 Date and Time: भगवान विश्वकर्मा की जयंती इस साल 17 सितंबर 2023 को मनाई जाएगी. मान्यता है कि इस दिन सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था. कहा जाता है कि जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की तो उसे सजाने-संवारने का काम विश्वकर्मा जी ने किया था. यानी भगवान विश्वकर्मा ही दुनिया के पहले शिल्पकार, वास्तुकार और इंजीनियर थे.
इस दिन विशेष तौर पर औजार, निर्माण कार्य से जुड़ी मशीनों, दुकानों, कारखानों, मोटर गैराज, वर्कशॉप, लेथ यूनिट, कुटीर एवं लघु इकाईयों आदि में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है. पूजा के चलते सभी कर्मचारियों की छुट्टी रहती है. मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के अस्त्र (त्रिशूल, सुदर्शन चक्र आदि), भवन, स्वर्ग लोग, पुष्पक विमान का निर्माण किया था.
मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से तमाम इंजीनियर, मिस्त्री, वेल्डर, बढ़ई, जैसे कार्य से जुड़े लोग अधिक कुशल बनते हैं और कारोबार में बढ़ोत्तरी होती है साथ ही सुख-समृद्धि का आगमन होता है.
सुपारी, रोली, पीला अष्टगंध चंदन, हल्दी, लौंग, मौली, लकड़ी की चौकी, पीला कपड़ा, मिट्टी का कलश, नवग्रह समिधा, जनेऊ, इलायची, इत्र, सूखा गोला, जटा वाला नारियल, धूपबत्ती, अक्षत, धूप, फल, मिठाई, बत्ती, कपूर, देसी घी, हवन कुण्ड, आम की लकड़ी, दही, फूल.
पंचांग के अनुसार विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर 2023 को मनाई जाएगी.
विश्वकर्मा पूजा कन्या संक्रान्ति का समय 01:43 पी एम.
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 17 सितंबर की सुबह 10 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा.
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