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Sawan Pradosh Vrat: सावन का दूसरा प्रदोष व्रत कब, जानें मुहूर्त व पूजा विधि

Sawan Pradosh Vrat: इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति की आयु बढ़ती है.

अंशुल जैन
धर्म और अध्यात्म
Published:
<div class="paragraphs"><p>Sawan Pradosh Vrat</p></div>
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Sawan Pradosh Vrat

(फोटो: iStock)

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Pradosh Vrat 2023: सावन का दूसरा प्रदोष व्रत अधिकमास के शुक्ल पक्ष में 30 जुलाई, रविवार के दिन पड़ रहा है. इस बार श्रावण मास में 4 प्रदोष व्रत हैं, दो प्रदोष व्रत सावन के और दो सावन अधिक मास के. अब जो दूसरा प्रदोष व्रत आने वाला है, वह अधिक मास के शुक्ल पक्ष का होगा. यह रविवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए यह रवि प्रदोष व्रत है. इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति की आयु बढ़ती है. जो लोग असाध्य रोग से पीड़ित होते हैं, उनको आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है.

Sawan Ka Dusra Pradosh Vrat: सावन का दूसरा प्रदोष व्रत

पंचांग के अनुसार, श्रावण के अधिकमास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाएगा. 30 जुलाई, रविवार की सुबह 10 बजकर 34 मिनट से त्रयोदशी तिथि शुरू हो रही है और इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 31 जुलाई, सोमवार सुबह 7 बजकर 26 मिनट पर हो जाएगी. इस चलते सावन का दूसरा प्रदोष व्रत 30 जुलाई के दिन रखा जाएगा.

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प्रदोष व्रत की पूजा रात के समय की जाती है. इस प्रदोष व्रत में पूजा (Pradosh Vrat Puja) का शुभ मुहूर्त 30 जुलाई शाम 7 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर रात 9 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. इस समय पूजा करना बेहद शुभ और फलदायी साबित हो सकता है. इस बार प्रदोष व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग में है. इसी योग में पूजा की जाएगी. इसके अतिरिक्त सुबह के समय इंद्र योग भी बन रहा है.

प्रदोष व्रत पूजा विधि

  • प्रदोष व्रत में सुबह उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं और भगवान शिव का ध्यान करने हुए व्रत का प्रण लिया जाता है.

  • प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल (Pradosh Kaal) में रात के समय होती है.

  • इस दिन भगवान गणेश और माता पार्वती की भी पूजा की जाती है.

  • शिव पूजा में गुलाल, चंदन, धतूरा, फूल, अक्षत, जनेऊ, कलावा, अगरबत्ती, धूप और कपूर आदि शामिल किए जाते हैं.

  • पूजा के दौरान भगवान शिव को भोग लगाया जाता है और शिव आरती की जाती है.

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