Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Zindagani Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Dharma our aadhyatma  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019 सेक्स वर्कर के आंगन की मिट्टी से बनती है मां दुर्गा की मूर्ति

सेक्स वर्कर के आंगन की मिट्टी से बनती है मां दुर्गा की मूर्ति

मां दुर्गा की मूर्ति बनाने के लिए क्यों होती है वेश्यालय की मिट्टी का इस्तेमाल?

क्विंट हिंदी
धर्म और अध्यात्म
Published:
मां दुर्गा की मूर्ति बनाने के लिए क्यों होती है वेश्यालय की मिट्टी का इस्तेमाल?
i
मां दुर्गा की मूर्ति बनाने के लिए क्यों होती है वेश्यालय की मिट्टी का इस्तेमाल?
फोटो: अभिलाष मलिक 

advertisement

नवरात्रि में मा दुर्गा की पूजा का महत्व है. 9 से 10 दिन तक चलने वाले इस त्यौहार में मान्याताओं के अनुसार माता दुर्गा की मूर्ति बनाने के लिए 4 चीजें सबसे ज्यादा जरूरी हैं. जिसमें गंगा तट की मिट्टी, गोमूत्र, गोबर और वेश्यालय की मिट्टी शामिल है.

ये हैरान कर देने वाली बात है कि जिस समाज में सेक्स वर्कर्स को बराबर का दर्जा नहीं मिलता, उसी देश में मां दुर्गा की मूर्ति बनाने के लिए उन्हीं के आंगन की मिट्टी की जरूरत होती है. ये मान्यता आज की नहीं, बल्कि सालों पुरानी है. इस मान्यता के मुताबिक अगर मां दुर्गा की मूर्ति में वेश्यालय की मिट्टी शामिल नहीं होती तो उस प्रतिमा को पूरा नहीं माना जाता.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

क्या है इसके पीछे की कहानी

इस परंपरा के पीछे एक कहानी बताई जाती है कि प्राचीन काल में एक वेश्या मां दुर्गा की बड़ी भक्त थी. उस वेश्या को समाज के तिरस्कार से बचाने के लिए मां दुर्गा ने उसे ये वरदान दिया था कि उसके वेश्यालय की मिट्टी का इस्तेमाल जब तक प्रतिमा में नहीं किया जाएगा तब तक वो प्रतिमाएं पूरी नहीं मानी जाएंगी.

एक और मान्यता...

एक मान्यता ये भी है कि दुर्गा असल में महिषासुर का वध करने वाली देवी हैं. माना जाता है कि महिषासुर ने देवी दुर्गा के सम्मान के साथ खिलवाड़ किया था और इसी कारण मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया और उसके बाद से ये परंपरा शुरू हुई की मां दुर्गा को बनाने वाली मिट्टी वेश्यालय से आएगी.

यह भी पढ़ें: Navratri Vrat Significance: नवरात्रि में क्यों रखा जाता है व्रत?

वक्त से साथ बदलाव

वक्त से साथ परंपराओं में भी बदलाव आते हैं. इस प्रथा में भी कई बदलाव आए. मान्यता के अनुसार पहले सिर्फ मंदिर के पुजारी वेश्यालयों से मिट्टी मांग कर लाया करते थे. लेकिन अब मूर्तिकार भी मां दुर्गा की प्रतिमा बनाने के लिए वेश्यालय से मिट्टी लाया करते हैं.

यह भी पढ़ें: Navratri 2019: जानें कब है नवरात्रि, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

यह भी पढ़ें: सोनिया गांधी ने दी नवरात्रि की बधाई, बोलीं-देवी साहस का हैं प्रतीक

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT