advertisement
मीर तकी मीर उर्दू के जाने-माने शायर थे. उन्हें खुदा-ए-सुखन और शायरी का खुदा भी कहा जाता है. क्या आप जानते हैं कि उन्हें इस टाइटल से क्यों नवाजा जाता है? क्योंकि मीर ने जिंदगी के तमाम जज्बात को अपनी कलम की स्याही में डुबोकर कुछ इस तरह नुमाया किया कि उनका जादू कभी भूलाया न जा सका.
मोहब्बत से लेकर दुनियादारी तक मीर ने अपनी शायरी के जरिए हर जायके का स्वाद दिया. ये पॉडकास्ट सुनने के बाद आपको सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे कि मीर को शायरी का खुदा क्यों कहा जाता है.
फबेहा सय्यद ने अपनी उर्दू की टीचर नजमा रहमानी से बात की, जो कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. रहमानी ने मीर तकी मीर पर मास्टर क्लास दी, जिसमें उन्होंने 18वीं शताब्दी की दिल्ली, मीर की राजनीति, प्रेम, नुकसान और उनकी भावनाओं के बारे में बताया.
यह भी पढ़ें: मीर तकी मीर: शायरी का खुदा जो इश्क और जिंदगी जीना सिखाता है
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)