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तुम हिरोइन हो? तुम्हारी उम्र क्या है? नाजुक सी शर्मीली जया भादुड़ी से ये सवाल उनकी पहली फिल्म गुड्डी (1971) के सेट पर किसी और ने नहीं बल्कि सुपरस्टार धर्मेंद्र ने किया था.
ऋषिकेश मुखर्जी की इस कॉमेडी ड्रामा में जया भादुड़ी का ऑनस्क्रीन किरदार उनके असल व्यक्तित्व से बहुत अलग नहीं था. चमकीली आंखों वाली भोली सी गुड्डी और जया भादुड़ी में बहुत समानताएं थीं.
और खास बात तो ये हुई कि इसी फिल्म के सेट पर जया भादुड़ी की मुलाकात उस इंसान से भी हुई जिसके साथ उन्होंने पूरी जिदगी बिताने का फैसला लिया. जी हां हम सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की ही बात कर रहे हैं, वैसे तो उन्होंने जया की पहली फिल्म में कैमियो ही किया , पर पहली ही मुलाकात में उनके बीच एक रिश्ता सा बन गया, जिसके दो साल बाद ही 1973 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए.
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जया भादुड़ी ने एक के बाद कई सुपरहिट फिल्में कीं और पर्दे पर अपनी पहचान बनाई, उनकी ऐसी ढेरों फिल्में हैं जो आज भी दर्शकों के जेहन में बसती हैं , परिचय (1972),अभिमान (1973) कोरा कागज (1974), मिली (1975), चुपके चुपके (1975), शोले (1975), सिलसिला (1981) जैसी फिल्में जया की बेहतरीन फिल्मों में गिनी जाती हैं. जया का ये गाना आज भी यंगस्टर्स की पहली पसंद है.
जब जया भादुड़ी अपने करियर की ऊंचाई पर थीं और हर फिल्म में अपनी नई पहचान छोड़ते हुए सफलता और प्रतिष्ठा हासिल कर रही थीं, तब उन्होंने एक्टिंग से ब्रेक लेकर अपना घर संभालने का फैसला लिया, क्योंकि उस समय उनके बच्चे श्वेता और अभिषेक उनकी प्राथमिकता थे और उन्होंने सब कुछ छोड़कर अपने बच्चों को समय देने का निर्णय लिया.
जया ने अपने फिल्मी करियर को कभी समझौते की तरह नहीं लिया और कई साल बाद 1998 में गोविंद निहलानी की फिल्म ‘हजार चौरासी की मां’ से वापसी की और फिर ‘कभी खुशी कभी गम’ , ‘कल हो न हो’ जैसी बेहतरीन फिल्मों में अपनी अदाकारी से फिर एक बार साबित कर दिया की जया एक बेहतरीन एक्ट्रेस हैं.
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