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'मईया यशोदा', 'बोले चूड़ियां', 'हवा हवाई', 'नींद चुराई मेरी', 'निंबूड़ा' जैसे गीत जैसे ही कानों में सुनाई देते हैं, एक चेहरा और एक नाम जेहन में उतर आता है. यह नाम है प्लेबैक सिंगर कविता कृष्णमूर्ति का. कविता कृष्णमूर्ति की पहचान हालांकि उनके चेहरे से नहीं, बल्कि उनकी सुरीली आवाज से है, जो हर किसी को उनका दीवाना बना देती है.
बॉलीवुड के कई दिग्गज म्यूजिक डायरेक्टर्स के साथ काम कर चुकीं कविता अब तक 18,000 से ज्यादा गानों को अपनी आवाज दे चुकी हैं. कविता जिन म्यूजिक डायरेक्टर्स के साथ काम कर चुकी हैं, उनमें लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, नौशाद, एस.एच. बिहारी, ओपी नैय्यर, खय्याम, रविंद्र जैन, बप्पी लाहिड़ी, आनंद-मिलिंद, अनु मलिक और ए.आर. रहमान शामिल हैं.
कविता कृष्णमूर्ति का जन्म 25 जनवरी, 1958 को दिल्ली में हुआ था. उनके जन्म का नाम शारदा कृष्णमूर्ति था. उनके पिता टी.एस. कृष्णमूर्ति शिक्षा मंत्रालय में अधिकारी थे. कविता की चाची ने उन्हें संगीत की शिक्षा लेने का सुझाव दिया और उन्होंने सुरुमा बसु से उनकी मुलाकात कराई, जिन्होंने कविता को रविंद्र संगीत की शिक्षा दी.
मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज में स्नातक की पढ़ाई के दौरान कविता हर कंपटीशन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थीं. यही वक्त था, जब एक प्रोग्राम में मशहूर गायक मन्ना डे ने उनका गाना सुना और उन्हें एडवरटीजमेंट में गाने का मौका दिया.
इसके बाद 1985 में उनके करियर ने तब उछाल मारा, जब उन्होंने हिंदी फिल्म 'प्यार झुकता नहीं' के गाने 'तुमसे मिलकर ना जाने क्यों' को अपनी आवाज दी और यह गाना सुपर हिट हो गया. इसी गाने ने उन्हें प्ले बैक सिंगर के तौर पर बॉलीवुड में पहचान बनाने में मदद की.
कविता ने एक बार एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि बचपन से उन्हें एक्टर दिलीप कुमार बेहद पसंद थे. उन्होंने अपने करियर में आनंद-मिलिंद, उदित नारायण, ए.आर. रहमान, अनु मलिक जैसे सिंगर और म्यूजिक डायरेक्टर के साथ काम किया है.
वह शबाना आजमी, श्रीदेवी, माधुरी दीक्षित, मनीषा कोईराला और ऐश्वर्य राय बच्चन जैसी एक्ट्रेस के लिए गाने गा चुकी हैं.
कविता ने कई भक्ति गाने भी गाए हैं. वह कई रियलिटी शो में बतौर जज शामिल हुईं हैं. उन्होंने अलिफ लैला (1989), महाभारत (1986), रामायण (1986), श्री कृष्णा, और रामायण (2008) जैसे सीरियल के लिए भी गाने गाए है.
कविता शादी के बाद अपने परिवार के साथ बेंगलुरू में बस गईं. उन्होंने अपने पति के साथ म्यूजिक एकेडमी शुरू किया, जिसका नाम 'सुब्रह्मण्यम एकेडमी ऑफ परफॉर्मिग आर्ट्स' है. वह अपना एक ऐप भी लॉन्च कर चुकी हैं.
साल 2005 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया. अपनी जादुई आवाज से बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक गाने देने वाली कविता कृष्णमूर्ति को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं.
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