Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Zindagani Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Zindagi ka safar  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019जब जेठमलानी ने इंटरव्यू में खुद को बता दिया था पीएम मोदी का ‘आशिक’

जब जेठमलानी ने इंटरव्यू में खुद को बता दिया था पीएम मोदी का ‘आशिक’

ये बात जेठमलानी ने एनडीए सरकार बनने के बाद काले धन पर सीनियर जर्नलिस्ट संजय पुगलिया के साथ खास बातचीत में कही थी.

क्विंट हिंदी
जिंदगी का सफर
Published:
जब जेठमलानी ने इंटरव्यू में खुद को बता दिया था पीएम मोदी का ‘आशिक’
i
जब जेठमलानी ने इंटरव्यू में खुद को बता दिया था पीएम मोदी का ‘आशिक’
(फोटो: @narendramodi/ट्विटर) 

advertisement

देश के जाने-माने वकील और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री राम जेठमलानी नहीं रहे. 8 सितंबर को 95 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. वाजपेयी सरकार में कानून मंत्री रह चुके जेठमलानी ने साल 2014 में कहा था कि वो पीएम मोदी के बहुत बड़े आशिक हैं. ये बात उन्होंने एनडीए सरकार बनने के बाद काले धन पर सीनियर जर्नलिस्ट संजय पुगलिया के साथ खास बातचीत में कही थी.

संजय पुगलिया ने उनसे सरकार के एक फैसले (काले धन के खिलाफ SIT का गठन) पर सवाल किया था. उनका सवाल था-

"एनडीए ने यूपीए सरकार के तौर तरीकों से नाराज होकर काले धन के खिलाफ SIT का गठन किया. लेकिन कहीं ये एसआईटी एनडीए सरकार के लिए सिरदर्द तो नहीं हो जाएगी?" इस सवाल का जवाब देते हुए जेठमलानी ने कहा, "मैं पीएम मोदी का बहुत बड़ा आशिक हूं."

जेठमलानी ने कहा-

अगर नई सरकार कोई भी गलत काम करेगी, तो आप ये समझ लीजिए कि मैं एक विपक्षी नेता हूं. मुझे इंटरनल विपक्षी नेता बनने में कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि मैं अभी भी बीजेपी का एक फेल मेंबर हूं. मेरी जिम्मेदारी है हिंदुस्तान की जनता के प्रति और दूसरा मोदी साहब के साथ, जिसका मैं आशिक हूं. मैंने पहले भी कहा है कि उनका आशिक हूं.

राम जेठमलानी ने आगे कहा, "सरकार ने पहले ही दिन एसआईटी का काम हाथ में लिया, अब मेरा इश्क उनके प्रति और मजबूत हो गया."

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

कैसा रहा जेठमलानी का राजनीतिक करियर

जेठमलानी ने महाराष्ट्र के उल्हासनगर से जनसंघ और शिवसेना के समर्थन से अपना पहला चुनाव निर्दलीय लड़ा था. इसमें उन्हें हार मिली थी. 1975-77 में इमरजेंसी के दौरान वो बार एसोसिएशन के अध्यक्ष थे. 1977 में राम जेठमलानी ने कांग्रेस कैंडिडेट सुनील दत्त को मुंबई नॉर्थ-वेस्ट से चुनाव हराया. 1980 में दोबारा उन्होंने सुनील दत्त को ही मात दी. लेकिन 1985 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सुनील दत्त, जेठमलानी को हराने में कामयाब रहे. 1988 में वो राज्यसभा सांसद चुने गए.

1996 में जब बीजेपी सरकार 10 दिन के लिए सत्ता में आई तो उन्हें कानून मंत्री बनाया गया. 1998 की वाजपेयी सरकार में जेठमलानी को शहरी विकास मंत्रालय दिया गया. बाद में उन्हें दोबारा कानून मंत्री बना दिया गया.

वाजपेयी से उनके खुलेतौर पर विवाद रहे. 2004 में उन्होंने लखनऊ से वाजपेयी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा, हालांकि वे हार गए. इस चुनाव में वे निर्दलीय थे, लेकिन कांग्रेस ने कैंडिडेट खड़ा न करके उन्हें समर्थन दिया था. बाद में जेठमलानी वापस बीजेपी में आ गए.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT