‘श्रीदेवी की जान लेने के लिए भगवान से नफरत करता हूं’

‘मुझे उम्मीद है कि मैं एक बुरा सपना देख रहा हूं, लेकिन मैं जानता हूं कि मैं सपने में नहीं हूं’

क्विंट हिंदी
जिंदगी का सफर
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सदमा 1983 की वो फिल्म है जिसमें श्रीदेवी की बेहतरीन अदाकारी देखने को मिली 
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सदमा 1983 की वो फिल्म है जिसमें श्रीदेवी की बेहतरीन अदाकारी देखने को मिली 
(फोटो: ट्विटर) 

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श्रीदेवी के अचानक अलविदा कह देने से फिल्म इंडस्ट्री ही नहीं पूरा देश शोक में डूबा हुआ है. फिल्म मेकर राम गोपाल वर्मा ने श्रीदेवी के देहांत पर भगवान को कोसा है. वर्मा ने ट्विटर पर एक लंबी भावुक टिप्पणी पोस्ट कर अपना दुख और गुस्सा जाहिए किया है,

"मुझे उम्मीद है कि मैं एक बुरा सपना देख रहा हूं, लेकिन मैं जानता हूं कि मैं सपने में नहीं हूं. मुझे श्रीदेवी से नफरत है, क्योंकि वो मुझे महसूस करा गईं कि वो भी आखिर में केवल एक इंसान थीं. मुझे नफरत है कि उनके दिल से, जो जिंदगी से हार गया."

मुझे नफरत हैं उनके दिल से: रामगोपाल वर्मा

उन्होंने कहा, "मुझे नफरत है कि उनके पास भी ऐसा दिल था, जो आम दिलों की तरह धड़कना बंद कर सकता था. मुझे नफरत है कि मैं उनकी मौत को देखने के लिए जिंदा था. मैं उनकी जान लेने वाले भगवान से नफरत करता हूं और वह नहीं रहीं, इसलिए मैं उनसे भी नफरत करता हूं. मैं आपसे प्यार करता हूं श्री, आप जहां भी हो..मैं हमेशा आपसे प्यार करता रहूंगा."

रामगोपाल वर्मा ने इसे बुरा सपना समझा था(फोटो:Twitter)

रामगोपाल वर्मा ने इसे बुरा सपना समझा था

फिल्म मेकर ने पहले इसे बुरा सपना और मजाक समझा था. उन्होंने कहा, "मैंने सोचा था कि ये तो एक बुरा सपना है, या कोई मजाक और मैं वापस सो गया. एक घंटे बाद मैं जानने के लिए उठा और मुझे उनके निधन के लगभग 50 मैसेज मिले"

वर्मा ने श्रीदेवी से जुड़ी पुरानी यादों को साझा करते हुए कहा, "जब मैं विजयवाड़ा के इंजीनियरिंग कॉलेज में था तब मैंने उनकी पहली तेलुगू फिल्म पड़ाहरेल्ला वयासू देखी थी. मैं उनकी सुंदरता से चकित रह गया था और मैं थियेटर से बाहर निकलकर सोच रहा था कि वह कोई वास्तविक व्यक्ति नहीं हो सकती हैं और उन्हें किसी कल्पना का स्वरूप होना चाहिए."

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फिल्म मेकर ने पहले इसे बुरा सपना और मजाक समझा था(फोटोः Twitter)

उन्होंने कहा, "फिर मैंने उनकी कई दूसरी फिल्में देखीं, जिनने उनकी प्रतिभा और उनकी सुंदरता दोनों के एक स्तर का निर्माण किया. वो ईश्वर की रचना की तरह थीं, जिसे उन्होंने बहुत ही अच्छे मूड में बनाया था. वो मानव जाति के लिए एक बहुत ही विशेष उपहार थीं. श्रीदेवी के साथ मेरी यात्रा शुरू हुई जब मैं अपनी पहली फिल्म शिवा की तैयारी कर रहा था. मैं चेन्नई में नागार्जुन के कार्यालय से पास की सड़क तक चलकर जाता था, जहां श्रीदेवी रहती थीं और मैं वहां खड़ा होता था श्रीदेवी के घर को देखता था."

इसके साथ ही राम गोपाल ने ये भी कहा है कि वह रविवार को अपनी नई परियोजना का खुलासा करने वाले थे, लेकिन अभिनेत्री के असामयिक निधन के बाद अब उन्होंने अपनी घोषणा आगे बढ़ाने का फैसला किया है.

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