Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Zindagani Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Zindagi ka safar  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बर्थडे स्‍पेशल: सुनील गावस्कर की ये 26 बातें उन्हें महान बनाती हैं

बर्थडे स्‍पेशल: सुनील गावस्कर की ये 26 बातें उन्हें महान बनाती हैं

सुनील मनोहर गावस्कर (SMG), यानी क्रिकेट का बिना किसी मिलावट का 24 कैरेट का शुद्ध इंसान.

अमृत माथुर
जिंदगी का सफर
Updated:
17 साल के अपने करियर में ‘सनी’ गावस्कर ने कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड्स बनाए.
i
17 साल के अपने करियर में ‘सनी’ गावस्कर ने कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड्स बनाए.
(फोटो: Reuters)

advertisement

एक समय था, जब सुनील गावस्कर (असली लिटिल मास्टर) भारत के लिए खेले, दुनिया को जीता और क्रिकेट से रिटायर हो गए. लेकिन उनकी अद्वितीय उपलब्धियां, तकनीक का उनका अद्भुत शिल्प और भारतीय क्रिकेट को उनका महान योगदान हमेशा के लिए यादों में दर्ज हो गया.

सुनील मनोहर गावस्कर (SMG). क्रिकेट का बिना किसी मिलावट का 24 कैरेट का शुद्ध इंसान. उनकी बल्लेबाजी और आंकड़े सारी कहानी खुद बयां करते हैं. उन्होंने बल्लेबाजी के कितने ही मील के पत्थर को पीछे छोड़ा और इतने सारे रिकॉर्ड बनाते गए कि जिनकी गिनती मुश्किल है.

गावस्कर दुनिया के पहले बल्लेबाज हुए, जो 10 हजार के टेस्ट रन के माउंट एवरेस्ट के शिखर तक पहुंचे. जब उन्होंने अपना बल्ला टांगा, तो उस वक्त तक वो दुनिया में सबसे ज्यादा 34 टेस्ट शतक लगाने वाले बल्लेबाज थे.

लेकिन आंकड़े SMG की आधी कहानी भी बयां नहीं करते हैं. अपने समय में भले ही वो पारी की शुरुआत करते थे, लेकिन उनके बाद भारतीय बैटिंग लाइनअप खत्म-सा हो जाता था. शीर्ष क्रम के पास ही पुछल्ले बल्लेबाज नजर आने लगते थे. गावस्कर एक ऐसे जनरल के रूप में हार टालने के लिए लड़ते थे, जिसके पास कोई सेना न हो.

अपने बेमिसाल बल्लेबाजी तकनीक की बदौलत SMG ने तमाम मौकों पर अपनी टीम को शानदार तरीके से आगे बढ़ाया. और ऐसा करने के क्रम में वे दुनिया के सबसे तेज गेंदबाजों के छक्के छुड़ाते रहे. अपने खेल को लेकर प्रतिबद्ध गावस्कर कभी भी बैकफुट पर नजर नहीं आए.

सुनील गावस्कर ने अपनी 13 सेंचुरी वेस्ट इंडीज के खिलाफ बनाई(फोटो: PTI)
गावस्कर ने भले ही अपने पनामा कैप पर भारतीय झंडा नहीं लगाया हो, लेकिन मैदान पर हमेशा यही लगता था कि जैसे तिरंगा उनके सिर के ऊपर गर्व से लहरा रहा है.

उन्हें करीब से जानने और कई बार उनका इंटरव्यू करने के नाते मैंने उनकी जिंदगी और उनके खेल से जुड़े कई सारे खास तथ्य साल दर साल जमा किए. गावस्कर के जन्मदिन पर आपके साथ ऐसे ही तथ्यों और यादों को साझा कर रहा हूं:

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

गावस्कर के करियर की खास बातें

17 साल के अपने करियर में ‘सनी’ गावस्कर ने कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए. ये सही है कि रिटायरमेंट के 31 साल गुजर जाने के बाद उनके कई रिकॉर्ड अब हमें याद नहीं, लेकिन उनका 70वां जन्मदिन इन्हें याद करने का बेहतरीन मौका है.

  1. 1987 में जब गावस्कर ने अपने रिटायरमेंट की घोषणा की, तब तक वो 10,122 टेस्ट रन बना चुके थे. कहा जा सकता है कि ये उपलब्धि किसी धावक के 100 मीटर रेस 10 सेकेंड से कम में पूरे कर लेने के समान थी.
  2. अपने पूरे करियर में मुश्किल ही नहीं, बल्कि जानलेवा गेंदबाजी के सामने SMG ने वही किया जो कुछ बाद में राहुल द्रविड़ करते नजर आए.
  3. गावस्कर ने अपनी 13 सेंचुरी वेस्ट इंडीज के खिलाफ बनाई, जो कि एक ऐसी उपलब्धि है, जिसे कोई भी और बल्लेबाज हासिल नहीं कर सका. और वो भी उन्होंने ये काम बगैर हेलमेट पहने, बेहद सामान्य पैड पहनकर और साधारण-से एल्बो गार्ड के साथ किया. उस दौर में विकेट आज से ज्यादा तेज होते थे और गेंदबाजों को छूट होती थी कि वो अपने ओवर में चाहे तो सारी की सारी 6 गेंदें बाउंसर डाल सके.
  4. SMG की बल्लेबाजी उनकी बेहद मजबूत तकनीक पर टिकी थी- वे बहुत पहले गेंद की लेंथ भांप लेते थे और आखिरी वक्त तक गेंद पर नजर रख पाने में सक्षम होते थे.
  5. स्ट्रेट ड्राइव उनका ट्रेडमार्क शॉट था, जिसे वो गेंदबाज के ठीक बगल से मारते थे.
  6. इमरान खान आउट करने के लिहाज से गावस्कर को सबसे मुश्किल बल्लेबाज मानते थे और कहते थे कि जितने बल्लेबाजों को उन्होंने गेंदबाजी की उनमें सुनील गावस्कर सबसे बेहतरीन बल्लेबाज रहे.
  7. बिशन सिंह बेदी कहते हैं कि अगर उन्हें टेस्ट मैच बचाना हो, तो दुनिया में सबसे पहले वो जिस बल्लेबाज को चुनेंगे वो गावस्कर ही हैं.
  8. दिलीप दोषी का मानना है कि गावस्कर की महानता इसी से जाहिर होती है कि कभी किसी गेंदबाज ने उन्हें अपनी गेंद से शरीर पर चोट नहीं पहुंचाई.
  9. अपनी डेब्यू सीरीज में गावस्कर ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ 4 शतकों के साथ 774 रन बनाए.
  10. इंग्लैंड में SMG का उच्चतम स्कोर ओवल के मैदान पर 221 रनों का रहा.
  11. गावस्कर कभी भी लॉर्ड्स के मैदान पर सेंचुरी नहीं मार सके, लेकिन इस मैदान के 200 साल पूरे होने के मौके पर हुए मैच में उन्होंने 188 रन बनाए और आखिरकार रवि शास्त्री ने उन्हें अपनी ही गेंद पर कैच कर आउट कर दिया.
  12. 1975 के विश्वकप के दौरान गावस्कर ने एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया, जिसे वो खुद याद नहीं रखना चाहते होंगे. उन्होंने 60 ओवर खेलते हुए सिर्फ 36 रन बनाए और नाबाद रहे.
  13. 1987 में उन्होंने एकदिवसीय मैच में 88 गेंदों पर सेंचुरी मारी.
  14. गैरी सोबर्स गावस्कर के रोल मॉडल रहे, जिन्हें डॉन ब्रेडमैन के बाद सबसे महान क्रिकेटर माना जाता है.
  15. गावस्कर विवियन रिचर्ड्स को बेहद काबिल बल्लेबाज मानते थे, जबकि जावेद मियांदाद की जुझारू बल्लेबाजी के कायल रहे.
  16. गावस्कर को अपने करियर में मैल्कम मार्शल की गेंदों को खेलना सबसे मुश्किल लगा.
  17. हालांकि गावस्कर ने भारत के लिए ओपनर की भूमिका निभाई, लेकिन उनकी प्राथमिकता हमेशा यही रही कि वो पहले स्ट्राइक न लें.
  18. गावस्कर के बारे में कहा जाता है कि वो बल्लेबाजी करते हुए कभी भी स्कोरबोर्ड की तरफ नहीं देखते थे, लेकिन उन्हें पता होता था कि वो कब किसी खास उपलब्धि के करीब हैं.
  19. गावस्कर ने ही हल्के बैटिंग पैड को लोकप्रिय बनाया. ऐसा ही पैड बाद में सचिन तेंदुलकर भी पहनते थे.
  20. गावस्कर ओल्ड ट्रेफर्ड पर 1974 में बनाई गई अपनी सेंचुरी को अपनी सर्वश्रेष्ठ पारियों में शुमार करते हैं.
  21. गावस्कर मैदान पर कभी भी आपा न खोने के लिए जाने जाते थे. विरोधी भी उनके खिलाफ कभी भी स्लेजिंग नहीं करते थे, क्योंकि माना जाता था कि ऐसा करने पर वो (गावस्कर) और ज्यादा मजबूती व प्रतिबद्धता के साथ विरोधी टीम को बल्ले से जवाब देने लग जाते थे.
  22. गावस्कर टेनिस को फॉलो करते हैं, लेकिन बैडमिंटन उनका पसंदीदा खेल है. बॉम्बे जिमखाना में गावस्कर नियमित रूप से बैडमिंटन खेलते भी रहे हैं.
  23. रणजी ट्रॉफी के डेब्यू मैच में गावस्कर शून्य पर आउट हो गए थे. लेकिन उसी साल रणजी फाइनल में उन्होंने सेंचुरी लगाई. लेकिन अगले मुकाबले में उन्हें टीम से बाहर बैठा दिया गया.
  24. SMG ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को बड़े ही चुपके अंदाज में अलविदा कह दिया. इसको लेकर कोई औपचारिक घोषणा भी नहीं हुई. तब बैंगलोर की खराब पिच पर वो 96 रन बनाने के बाद आउट हो गए थे और भारत पाकिस्तान के हाथों टेस्ट मैच हार गया था. ये एक बैट-पैड कैच था. जिसके बारे में आज तक उन्होंने नहीं बताया कि गेंद उनके बल्ले से लगी थी या नहीं.
  25. एक बार एक फर्स्ट क्लास मैच में खराब पिच के विरोध में उन्होंने लेफ्ट हैंड से बल्लेबाजी की लेकिन फिर भी नॉट आउट रहे!
  26. एक बार उन्होंने डंकन फियर्नले बैट के साथ बल्लेबाजी की, जिसमें 4 छोटे-छोटे छेद थे. गावस्कर का तब कहना था कि इससे एयरो-डायनमिक्स इफेक्ट बढ़ने से बॉल को पिक करने में सुविधा होती है.
एक कप्तान के रूप में सुनील गावस्कर मजबूत सोच के लिए पहचाने गए (फोटो: PTI)

आंकड़े और दूसरे तथ्य अपनी जगह हैं, सच यही है कि अपने वक्त में SMG भारतीय क्रिकेट के लिए ढाल की तरह खड़े रहे और उनके खेल की सतत उच्चता पूरी टीम के लिए आत्मसम्मान हासिल करती रही.

एक कप्तान के रूप में वो अपनी मजबूत सोच के लिए पहचाने गए और एक ऐसी छवि के मालिक रहे, जिसके साथ आप कोई गड़बड़ करने की नहीं सोच सकते. एक खिलाड़ी की शक्ल में गावस्कर ने भारतीय क्रिकेट की रीढ़ को मजबूती देने का काम किया और आज वो एक स्टेट्समैन और भारतीय एम्बैस्डर के रूप में भारतीय क्रिकेट की आवाज हैं. यही वजह है कि गावस्कर की इज्जत भारत में ही नहीं, दुनियाभर में है.

बेहद स्पष्ट और एक खास दृष्टि रखने वाले SMG की क्रिकेट की नब्ज पर बड़ी गहरी पकड़ है. कहा जाता है कि उनका दिमाग एक कंप्यूटर की तरह काम करता है और जो कुछ भी क्रिकेट के बारे में गावस्कर नहीं जानते हैं, उसे किसी के लिए जानने का कोई मतलब नहीं होता है.

(अमृत माथुर एक वरिष्ठ पत्रकार, बीसीसीआई के पूर्व जीएम और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मैनेजर रहे हैं. @AmritMathur1 पर उनसे संपर्क किया जा सकता है.)

ये भी पढ़ें- बर्थडे ‘बॉय’ गावस्कर: जितने मजेदार इंसान उतनी ही मजेदार ये बातें!

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 09 Jul 2018,10:44 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT