नोएडा सेक्टर-93ए में सुपरटेक के ट्विन टॉवर (Supertech Twin Towers) अब 28 अगस्त को गिराए जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी है. दोनों टॉवरों को ढहाने के लिए विस्फोटक लगाए जाने का काम शनिवार से शुरू हो गया है. पलवल से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में पहले दिन 325 किलो विस्फोटक नोएडा में लाया गया है.
टॉवर को गिराने वाली कंपनी एडिफिस के प्रोजेक्ट हेड उत्कर्ष मेहता ने बताया, विस्फोटक लगाने के लिए 16 एक्सपटर्स और 80 मजदूर लगाए गए हैं. दोनों टॉवरों में करीब 10 हजार छेद किए गए हैं. एक छेद में 1.375 किलो से ज्यादा विस्फोटक नहीं डाला जा सकेगा. दोनों बिल्डिंगों को ढहाने में करीब 3700 किलो विस्फोटक की जरूरत होगी. पहले दिन 325 विस्फोटक हरियाणा के पलवल से नोएडा में लाया गया है.
शनिवार सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में इसे लाया गया है. इसके बाद सुपरटेक के दोनों टॉवरों में अब डिमॉलिश टीम से जुड़े लोगों को ही एंट्री दी जा रही है. दोनों टॉवरों के आसपास पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए हैं. ये गाड़ियां रोजाना पलवल जाएंगी और वहां से विस्फोटक नोएडा लाएगीं.
टॉवर को कैसे गिराया जाएगा
टॉवरों को गिराने के लिए दो ब्लास्ट होंगे. प्राइमरी ब्लास्ट ग्राउंड फ्लोर, पहला, दूसरा, छठा, दसवां, 14वां, 22वां, 26वां और 30वें फ्लोर पर होगा, इस ब्लास्ट का सिक्यूसेंस 0 से 7.0 सेकेंड का होगा. जबकि सेकेंडरी ब्लास्ट बाकी फ्लोर्स में 0 से 3.5 सेकेंड का होगा. कुल मिलाकर दोनों टॉवर सिर्फ 9 सेकेंड में ध्वस्त हो जाएंगे.
सुपरटेक के सियान टॉवर में 29 फ्लोर और एपेक्स टॉवर में 32 फ्लोर हैं. दोनों टॉवरों की ऊंचाई करीब 101 मीटर है, फिलहाल इनमें 1396 फ्लैट बने हुए हैं. बिल्डर ने दोनों टॉवरों के लिए 24 फ्लोर का प्लान नोएडा अथॉरिटी से मंजूर कराया था, लेकिन साठगांठ से वे इनकी ऊंचाई बढ़ाते चले गए.
11 अप्रैल 2014 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों टॉवरों को अवैध मानते हुए गिराने का आदेश दिया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. पहले दोनों टॉवर 21 अगस्त 2022 को गिराए जाने थे, लेकिन विस्फोटक के लिए एनओसी मिलने में देरी हुई ओर इस वजह से इन्हें गिराने की तारीख बढ़ाकर 28 अगस्त 2022 करनी पड़ी.
एडिफिश कंपनी ने इमारतों का कराया बीमा
दोनों टॉवर ध्वस्त करने वाली कंपनी एडिफिश ने इसे गिराने से पहले आसपास की इमारतों का 100 करोड़ रुपए का बीमा कराया है. उसकी वजह यह है कि अगर सुपरटेक के दोनों टॉवरों को ध्वस्त करने के दौरान आसपास की बिल्डिंगों को क्षति पहुंचती है तो उसकी भरपाई इंश्योरेंस से की जायेगी.
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