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Budget 2019: पीपीपी मॉडल की पटरी पर दौड़ेगी रेलवे की गाड़ी

रेलवे को 2018 से 2030 तक 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत

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देश की सबसे बड़ी नौकरी देने वाले सेक्टर रेलवे को सरकार सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी मॉडल) के तहत चलाना चाहती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का बजट पेश करते हुए जोर देकर कहा कि रेलवे को 2018 से 2030 तक 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है. उन्होंने यात्री और माल ढुलाई सेवाओं में तेजी से विकास करने के लिए पीपीपी मॉडल का प्रस्ताव दिया.

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सीतारमण ने कहा

अनुमान है कि 2018-2030 के बीच रेलवे की आधारभूत संरचना के लिए 50 लाख करोड़ के निवेश की जरूरत है.
निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री

उन्होंने कहा कि रेलवे का पूंजीगत खर्च हर साल 1.5 से 1.6 लाख करोड़ है और सभी स्वीकृत परियोजनाओं को पूरा करने में दशकों लगेंगे.

सीतारमण ने ये भी कहा:

ट्रैक और रॉलिंग स्टॉक्स यानी रेल इंजन, कोच व वैगन निर्माण कार्य और यात्री माल सेवाएं संचालित करने में तेजी से विकास लाने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी का प्रस्ताव लाया गया है.
निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री
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छोटे दुकानदारों को पेंशन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019 के बजट में 1.5 करोड़ रुपये के सालाना टर्नओवर से कम के कारोबार वाले दुकानदारों के लिए पेंशन का ऐलान किया है. इसका लाभ ऐसे तीन करोड़ दुकानदारों को मिलेगा. इसे प्रधानमंत्री मान धन स्कीम का नाम दिया गया है.

3 साल में जुड़ेंगे 5 करोड़ दुकानदार

बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में इसका ऐलान किया था. मोदी 2.0 की इस योजना का लाभ देश के तीन करोड़ से अधिक खुदरा कारोबारी और दुकानदारों को मिलेगा. अगले तीन साल के दौरान करीब पांच करोड़ दुकानदारों के इस योजना से जुड़ने की उम्मीद है.

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गांव-गरीब-किसान पर फोकस

वित्त मंत्री ने बजट भाषण में सशक्त राष्ट्र, सशक्त नागरिक के सिद्धांत पर जोर दिया. निर्मला सीतारमण ने ये भी कहा सरकार के लिए गांव, गरीब, किसान ही केंद्र बिंदु हैं.

वित्त मंत्री के मुताबिक 2022 तक हर गांव में बिजली होगी. साथ ही 1.95 करोड़ नए घर बनाने की योजना है.

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