नोटबंंदी को लेकर फायदे नुकसान के बारे में वित्त मंत्रालय ने पहले ही सरकार को जानकारी दे दी थी. वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने वित्तीय मामलों पर संसद की स्टैंडिंग कमेटी को बताया कि साल 2016 की शुरुआत से ही नोटबंदी के फायदे और नुकसान पर चर्चा हो रही थी.
आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने वित्तीय मामलों पर संसद की स्टैंडिंग कमेटी को बताया है कि नोटबंदी के बाद से अब तक 9.2 लाख करोड़ के नए नोट सिस्टम में लाए जा चुके हैं.
न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है. उर्जित पटेल ने बुधवार को स्टैंडिंग कमेटी के सामने नोटबंदी से जुड़े तथ्य पेश किए.
जानकारी के मुताबिक, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कमेटी के पैनल को बताया कि डिमाॅनेटाइजेशन के फायदे और नुकसान को लेकर चर्चा साल 2016 की शुरुआत से ही चल रही थी.
स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य और तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राॅय ने बताया कि आरबीआई गवर्नर ये बताने में नाकाम रहे थे कि बैंकों में पुराने नोटों के रूप में कितनी रकम वापस आई है? उन्होंने आरबीआई को निशाने पर लेते हुए ये भी कहा था कि केंद्रीय बैंक यह भी नहीं बता पा रहा कि स्थिति कब सामान्य होगी.
इस मामले को लेकर मुख्य बातों पर डालें एक नजर-
- इस कमेटी की अध्यक्षता कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली कर रहे हैं.
- मीटिंग के दौरान बीजेपी मेंबर्स ने नोटबंदी को लेकर ज्यादा सवाल नहीं खड़े किए. वहीं कांग्रेस मेंबर्स ने भारतीय रिजर्व बैंक की स्वायत्तता को लेकर सवाल खड़े किए. साथ ही पूछा कि नोटबंदी का फैसला किसने लिया.
- कमेटी मेंबर और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को लेकर सवाल उठाए. उन्होंने नोटबंदी को ऐतिहासिक नाकामी बताया था.
- कमेटी मेंबर्स को अपने जवाबों से संतुष्ट नहीं कर पाने पर वित्त मंत्रालय ने जवाब देने के लिए और समय की मांग की है.
- उर्जित पटेल को संसदीय लोकलेखा समिति (PAC) के सामने इस मुद्दे को लेकर 20 जनवरी को फिर से पेश होना है.
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