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टेलीकॉम इंडस्ट्री के बादशाह बने Idea-वोडाफोन, आप पर क्या होगा असर?

वोडाफोन-आइडिया की संयुक्त कंपनी के तकरीबन 40 करोड़ ग्राहक होंगे, जो एयरटेल के करीब 27 करोड़ से कहीं ज्यादा होंगे.

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भारत की नंबर 2 और नंबर 3 टेलीकॉम कंपनियां, वोडाफोन और आइडिया के विलय की घोषणा हो चुकी है. इसके साथ ही अब ये संयुक्त रूप से भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम ऑपरेटर कंपनी बन जाएगी.

वोडाफोन-आइडिया के विलय का असर सीधे तौर पर इंडस्ट्री पर तो पड़ेगा ही, साथ ही इन कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों और कस्टमर्स पर भी इसका खास प्रभाव देखने को मिलेगा. ऐसा में आपको बताते हैं इस विलय के कुछ खास मायने:

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'प्राइस वॉर' की नई शुरुआत, सस्ते होंगे टैरिफ/प्लान

मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस जियो ने टेलीकॉम इंडस्ट्री में खलबली मचा दी है. जियो बेहद सस्ते प्लान और धमाकेदार टैरिफ के जरिए कस्टमर्स को आकर्षित कर रही है. एयरटेल भी सस्ते प्लान लाकर जियो को टक्कर देने में जुटी है. अब वोडाफोन-आइडिया मिलकर इस प्राइस वॉर को और आगे बढ़ा सकते हैं. नए टैरिफ और सस्ती कॉल का दौर आगे भी जारी रहेगा.

सर्विस क्वालिटी बेहतर होगी

देश की इन दो बड़ी कंपनियों के पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है. ऐसे में जब यह दोनों कंपनियां साथ आएंगी, तो इनका ज्यादा ध्यान इंफ्रास्ट्रक्चर पर न होकर ग्राहकों की बेहतर सुविधा पर होगा.

कॉम्‍पिटीशन ज्‍यादा होने के कारण दूसरी बड़ी कंपनियों को भी सर्विस क्वालिटी और बेहतर करनी होगी. यह विलय इस लिहाज से बेहद फायदेमंद साबित होगा.
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छिन जाएगी एयरटेल की बादशाहत

वोडाफोन-आइडिया की संयुक्त कंपनी के तकरीबन 40 करोड़ ग्राहक होंगे, जो एयरटेल के करीब 27 करोड़ और जियो के करीब 7 करोड़ ग्राहकों से कहीं ज्यादा होंगे. सिर्फ ग्राहकों के लिहाज से ही नहीं, रेवेन्यू मार्केट शेयर के आधार पर भी यह कंपनी बाकी कंपनियों से आगे हो जाएगी.

अभी एयरटेल के पास 32 फीसदी शेयर है. संयुक्त कंपनी के पास 40 फीसदी शेयर होगा. बात अगर 4जी नेटवर्क की करें, तो भी वोडाफोन-आइडिया की संयुक्त कंपनी एयरटेल को टक्कर देती नजर आ रही है.

ऐसे में कह सकते हैं कि नई कंपनी हर लिहाज से टेलीकॉम मार्केट की बॉस बन जाएगी.

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कर्मचारियों की हो सकती है छंटनी !

ऐसे में जब दो बड़ी कंपनियां एक हो रही हैं, तो उनके कर्मचारियों समेत सारे संसाधन एक हो जाएंगे. ऐसे में हजारों कर्मचारियों की छंटनी होने का भी अनुमान है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक टेलीकॉम इंडस्ट्री की हर 7 में से 1 नौकरी पर तलवार लटक रही है. वैसे तो नोटबंदी के बाद से ही कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटक रही थी. अब इस विलय ने छंटनी की आशंका को और बढ़ा दिया है.

अब विलय का दौर शुरू होगा

रिलायंस जियो की धमाकेदार एंट्री के बाद कई कंपनियों के विलय के कयास लग रहे थे. अब वोडाफोन-आइडिया मिलकर टेलीकॉम इंडस्ट्री में धूम मचाने को तैयार हैं. इस विलय के बाद कई और कंपनियां का भी विलय हो सकता है.

आपको बता दें कि एयरटेल ने टेलीनॉर का अधिग्रहण कर लिया है. अब रिलायंस कम्यूनिकेशंस, एयरसेल और टाटा टेलीसर्विसेज के विलय के भी कयास लगाए जा रहे हैं.

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छोटी कंपनियां खेल से बाहर !

टेलीकॉम इंडस्ट्री की छोटी कंपनियों को इन बड़ी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा कर पाने में मुश्किल होगी. ऐसे में अगर सिर्फ कुछ बड़ी कंपनियां मार्केट में रह गई तो भविष्य में यह दाम को बढ़ा भी सकती हैं और लोगों को ज्यादा भुगतान करने के लिए मजबूर होना होगा. मतलब साफ है कि इस कंपनी के आने के बाद से बड़ी कंपनियों को और भी ज्यादा फायदा होना है.

ये भी पढ़ें: Idea-वोडाफोन का विलय,नई कंपनी देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बनेगी

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