भारतीय रिजर्व बैंक के उप-गर्वनर एसएस मुंद्रा ने गुरुवार को भारतीय स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरुंधती भट्टाचार्य के विचारों का समर्थन करते हुए, किसानों को कर्ज छूट देने को लेकर चिंता जताई.
उन्होंने कहा कि इससे क्रेडिट अनुशासन बिगड़ेगा.
कांग्रेस और एनसीपी लगातार महाराष्ट्र विधानसभा में किसानों कर्ज माफी की मांग उठा रहे हैं. इस बीच अरुधंति भट्टाचार्य ने दिए अपने बयान में कहा था कि किसानों के कर्ज माफी के मामलों में देखा गया है कि एक बार जब किसानों की कर्ज माफी कर दी जाती है, तो भविष्य में भी वो कर्ज माफी के विषय में सोचते हैं और कर्ज नहीं चुकाते हैं. इससे बैंकिंग सेक्टर की क्रेडिट अनुशासन बिगड़ जाता है.
चारों तरफ से किसानों के कर्ज को माफ करने की हो रही मांग का भट्टाचार्य के विरोध के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने मुंबई में आरबीआई के दफ्तर के बाहर इसके विरोध में प्रदर्शन किया था.
'एनपीए को लेकर समाधान पर चर्चा जारी'
मुंद्रा ने कहा, "बैंक को समय-समय पर कई समाधान प्रक्रिया मुहैया कराए जाते हैं. अलग-अलग मामलों में अलग-अलग उपकरणों के उपयोग की जरूरत होती हैं."
उन्होंने आगे कहा, "दबाव झेल रही कंपनियों का मूल्यांकन पारदर्शी तरीके से होना चाहिए."
वहीं, बड़ी कंपनियों की ओर से लिए गए और मोटी रकम के रूप में फंसे कर्ज की समस्या (एनपीए) को लेकर मुंद्रा ने कहा कि इसके समाधान पर चर्चा जारी है. वहीं, बड़ी कंपनियों की ओर से लिए गए और मोटी रकम के रूप में फंसे कर्ज की समस्या (एनपीए) को लेकर मुंद्रा ने कहा कि इसके समाधान पर चर्चा जारी है.
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