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तीन वित्त वर्ष में 1.37 लाख करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी

संशोधित बेनामी सौदा निषेध कानून के तहत 245 बेनामी लेन-देन की पहचान की गयी है.

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कालेधन पर कड़े कदम उठाए जाने की मुहिम के बीच शुक्रवार को राजस्व विभाग ने अहम जानकारियां दी हैं. विभाग ने बताया कि पिछले तीन फाइनेंशियल ईयर में डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स, दोनों में 1.37 लाख करोड़ रुपये से अधिक टैक्स चोरी और 1,000 से अधिक शेल कंपनियों की पहचान की गई है. ये कंपनियां 13,300 करोड़ रुपये के फर्जी लेन-देन में शामिल थीं.

टैक्स चोरी करने वालों को चेताते हुए विभाग ने कहा कि वह कालेधन के खिलाफ कार्रवाई करता रहा है और आने वाले दिनों में इसमें और तेजी लाई जाएगी.

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विभाग ने कहा कि संशोधित बेनामी सौदा निषेध कानून के तहत 245 बेनामी लेन-देन की पहचान की गई है. यह कानून नवंबर, 2016 में लागू किया गया था.

कालेधन के खिलाफ कार्रवाई

  • 124 मामलों में 55 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति कुर्क की गई है.
  • राजस्व विभाग ने कुल 23,064 तलाशी ली. इसमें से 17,525 मामलों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, कस्टम, प्रोडक्ट एंड सर्विस टैक्स यूनिट ने तलाशी अभियान चलाए.
  • इस कार्रवाई में 2013-15 से 2015-16 के दौरान 1.37 लाख करोड़ रुपये टैक्स चोरी का पता चला.
  • इसमें 69,434 करोड़ रुपये इनकम टैक्स, 11,405 करोड़ रुपये सीमा शुल्क, 13,952 करोड़ रुपये केंद्रीय उत्पाद और 42,727 करोड़ रुपये मूल्य के सर्विस टैक्स चोरी शामिल हैं.
  • साथ ही 2,814 मामलों में क्रिमिनल केस शुरू किया गया. इसमें 1,066 इनकम टैक्स से जुड़े मामले हैं.
  • कुल 3,893 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
  • इसके अलावा गलत गतिविधियों में शामिल 1,155 शेल कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई.

-इनपुट भाषा से

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