मंगलवार को पेटीएम तीसरी ऐसी कंपनी बन गई जो अब पेमेंट बैंक चलाएगी. हालांकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 11 कंपनियों को पेमेंट बैंक के लिए स्वीकृति दी हुई है.
पेटीएम के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा का लक्ष्य है कि पेटीएम डिजिटल वॉलेट इकोसिस्टम की मदद से और कई तरह की सेवाएं देकर इसे सफल बनाया जाए.
फॉरेस्टर रिसर्च के सीनियर एनलिस्ट सतीश मीना कहते हैं कि बगैर किसी प्लेटफॉर्म के एक पेमेंट बैंक को शुरू करना और फिर उसे चलाना काफी मुश्किल काम है. पेमेंट बैंक को चलाने के लिए कई तरह की सेवाएं देनी होती हैं, जैसे कि पेटीएम का इकोसिस्टम और सबसे जरूरी है फाइनेंस सर्विस. शायद यही वजह है कि बाकी खिलाड़ी पेमेंट बैंक के दंगल में उतरने से कतरा रहे हैं.
11 स्वीकृत एजेंसियों में से चोलामंडलम डिस्ट्रीब्यूशन सर्विस, दिलिप सांघवी, सन फार्मा के प्रमोटर और टेक महिंद्रा ने पेमेंट बैंक से किनारा कर लिया है. आशंका जताई जा रही है कि बाकी प्लेयर्स भी या तो ये आइडिया ड्रॉप कर देंगे या फिर इसमें काफी देरी करेंगे.
एक पेमेंट बैंक सेविंग्स और चालू अकाउंट में 1 लाख रुपये तक का डिपॉजिट ले सकता है, डेबिट कार्ड और ऑनलाइन बैंकिंग जैसी सर्विस दे सकता है लेकिन एडवांस लोन और क्रेडिट कार्ड नहीं दे सकते.
आइए एक नजर डालते हैं पेमेंट बैंक आपको क्या ऑफर कर रहा है?
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)