ADVERTISEMENTREMOVE AD

सोना और कोरोना: क्या जारी रहेगी तेजी, रखें, बेचें या खरीदें गोल्ड?

सोना है सदा के लिए: एक बार में बड़े निवेश के बजाय लगातार इन्वेस्टमेंट बेहतर विकल्प

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

गोल्ड (Gold) हमेशा से कम रिस्क वाला एक सुरक्षित निवेश माना जाता रहा है. इस मेटल में भरोसा अर्थव्यवस्था में संकट और बाजार में अनिश्चित हालातों में विशेष रूप से फायदेमंद होता है. गोल्ड का इस्तेमाल रिस्क हेज (Hedge) करने के लिए भी बड़े पैमाने पर किया जाता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इन्वेस्टर्स को अपने पोर्टफोलियो में 5-15% गोल्ड रखना चाहिए. अभी कोरोना के संकट के दौरान अनिश्चितता के कारण भी सोने की तरफ आकर्षण बढ़ा था. कई वैक्सीन के ट्रायल में अच्छी खबरों के बाद सोने में निवेश को लेकर लोगों में असमंजस की स्तिथि दिखने लगी है. आइये इससे जुड़े पहलुओं पर नजर डालकर जानते हैं कि इस समय सोना बाय (buy), सेल (sell) या होल्ड (hold) करना चाहिए?

ADVERTISEMENTREMOVE AD

गोल्ड की वर्तमान कीमत और कोरोना का प्रभाव?

तमाम अनिश्चितताओं के बीच बढ़ती मांग से अगस्त में 2050 डॉलर प्रति आउन्‍स (ounce) तक पहुंच जाने के बाद अभी गोल्ड 1864 डॉलर प्रति आउन्‍स (28.35 ग्राम) के पास ट्रेड कर रहा है. भारत की बात करें तो यहां सोना अभी अपने 56000 के पास के सर्वोच्च स्तर से नीचे रहते हुए 50000 के आसपास पहुंच गया है. धीरे-धीरे सामान्य होते हालातों से गोल्ड में निवेश के आकर्षण में भी कमी देखी गई है. रूस द्वारा वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर के बाद से ही सोने के दामों में कमी आने लगी थी. अब अनेकों वैक्सीन के सफल प्रयोग से सोने के निवेशकों को रिटर्न और भी घटने का डर है.

सोना है सदा के लिए: एक बार में बड़े निवेश के बजाय लगातार इन्वेस्टमेंट बेहतर विकल्प

वैक्सीन के आने से क्या बदलने की उम्मीद है?

वर्तमान संकट के सामान्य होने के संकेतों से ही सोने की तरफ विशेष आकर्षण खत्म होने लगा है. हाल के दिनों में इक्विटी मार्केट का प्रदर्शन भी काफी अच्छा रहा है और शेयर बाजार अपने सर्वोच्च स्तर पर है. कोरोना के कम होते संकट और आर्थिक तेजी की उम्मीदों से बाजार में बुल्स को दम मिल रहा है. निवेशकों द्वारा बड़े तौर पर खरीद बताती है कि लोगों में अर्थव्यवस्था के तेजी को लेकर पूरी उम्मीद है. सोने जैसे सेफ इन्वेस्टमेंट में ऐसे समय में निवेश कम फायदे की नजर से देखा जा रहा है.

और किन फैक्टरों का होगा कीमतों पर असर?

हालांकि वैक्सीन के आने से कोरोना से बड़े तौर पर राहत की उम्मीद है, कई जानकारों के अनुसार आर्थिक आधार पर पूरी तरह सुधार में समय लग सकता है. इसके साथ ही ब्रेक्सिट (Brexit) और कमजोर डॉलर का भी इस मेटल की कीमतों पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है. कोरोना के दौरान इन्वेस्टमेंट के लिए गोल्ड की मांग में बढ़ोतरी देखने को मिली थी लेकिन कंज्यूमर की मांग में कमी रही. कंज्यूमर डिमांड में संभावित तेजी के कारण गोल्ड की चमक बढ़ने की अच्छी उम्मीद है.

0

क्या कहते है एक्सपर्ट्स?

जानकारों के मुताबिक गोल्ड को हमेशा लांग टर्म इन्वेस्टमेंट की तरह लिया जाना चाहिए. पिछले 12-15 वर्षो के अंतराल में गोल्ड के प्राइस में 7 गुणा से भी ज्यादा वृद्धि देखी गई है. पिछले आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए सामान्य हालातों में भी 6-10% रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है. एक्सपर्ट्स के अनुसार गोल्ड में एक बार में बड़े निवेश के सिवाय समय समय पर (Periodic) इन्वेस्टमेंट एक बेहतर विकल्प हो सकता है.

क्विंट से बात करते हुए कमोडिटी एक्सपर्ट अनुज गुप्ता कहते हैं-

"अब रिटर्न के नजरिए से देखें तो गोल्ड ने एक साल में करीब 31% के रिटर्न दिए हैं, वहीं सिल्वर ने करीब 34% के रिटर्न दिए हैं. पिछले 5 साल के रिटर्न को देखें तो गोल्ड ने करीब 79% के रिटर्न दिए हैं, वहीं सिल्वर ने करीब 71% के रिटर्न दिए हैं. तो इस हिसाब से सिल्वर और गोल्ड में इतना बड़ा रिटर्न देखने को मिला है. निवेश के नजरिए से गोल्ड ने बाकी के सभी एसेट क्लास के बीट किया है. गोल्ड का आउटलुक अभी भी पॉजिटिव है, अगर ग्लोबल नजरिए से बात करे तो ग्रोथ फोरकास्ट भी पॉजिटिव है."

सर्वाधिक मुनाफे के लिए क्या हो रणनीति?

फिजिकल गोल्ड (Physical Gold) के अलावा लोग एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) और सॉवरेन गोल्ड बांड के माध्यम से भी सोने में निवेश कर सकते है. सॉवरेन बांड में सोने की कीमत में बदलाव से मुनाफे के अलावा तय 2.5% कूपन इंटरेस्ट भी मिलता है. पेपर के तौर पर जारी होने वाले इस बांड का मैच्योरिटी पीरियड 8 सालों का है जिसमें निवेशकों को 5 साल के बाद निकालने का ऑप्शन भी दिया गया है. म्यूचुअल फंड कंपनियों द्वारा लाए जाने वाले गोल्ड ETF भी इस धातु में निवेश का अच्छा तरीका है. एसोसिएशन ऑफ म्यूच्यूअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के अनुसार गोल्ड ETF के तौर पर अभी कुल निवेश 13,589 करोड़ का है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×