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सस्ता हुआ Gold, शिखर से ₹11000 नीचे, क्या ये खरीदारी का सही वक्त?

गोल्ड में अभी निवेश को लेकर एक्सपर्ट्स एकमत नहीं हैं.

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येलो मेटल यानी सोने के भाव में पिछले कुछ हफ्तों में लगातार गिरावट जारी है. जैसे-जैसे शेयर बाजार ऊपर की तरफ जाता है, हर बार गोल्ड का भाव नीचे आता है. इस बार भी कुछ ऐसा हो रहा है. 3 मार्च को गोल्ड अपने अगस्त के सर्वोच्च स्तर से करीब 11,400 रुपये नीचे पहुंच गया है. ऐसे में गोल्ड में निवेश करने वालों के मन में कई तरह के सवाल हैं. समझते हैं क्या है गोल्ड के भाव में गिरावट की क्या वजहें हैं? और ऐसे समय में मुनाफे के लिए क्या रणनीति अपनाई जाए?

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बीते हफ्तों में गोल्ड के साथ सिल्वर यानी चांदी की कीमतों में भी कमी देखने को मिली है. अगस्त में 78,000/kg के करीब रहने वाला सिल्वर 67,500/kg के करीब व्यापार कर रहा है.

क्या है अभी सोने का भाव?

भारत में मल्टी कॉमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर गोल्ड ₹45,500 प्रति 10 ग्राम के करीब ट्रेड कर रहा है. पिछले 7 में से 6 सेशन में गोल्ड के भाव में कमी देखी गई है. अंतराष्ट्रीय बाजारों में भी सोने की कीमत काफी करेक्शन के बाद 1750 डॉलर प्रति आउंस के करीब पहुंच गई है. फिजिकल गोल्ड बाजार में भी गोल्ड अपने शिखर स्तर से काफी नीचे रहकर ₹46,500 के करीब के है.

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क्यों गिर रहा है गोल्ड का भाव?

गोल्ड की कीमतों में गिरावट के पीछे कई अहम वजहें हैं.

  • US में बॉन्ड यील्ड के बढ़ने से निवेशकों का ध्यान बांड्स में निवेश की तरफ आया है. इस वजह से शेयर बाजार में भी बीते दिनों में बड़ी कमी देखी गई थी. रिस्क फ्री होने के साथ ही अच्छे रिटर्न के मौके ने निवेशकों को बांड्स की तरफ आकर्षित किया गया है. गोल्ड से इस वजह से निवेशकों का ध्यान थोड़ा हटा है. साथ ही अब निवेशक बिटकॉइन जैसे रिस्की एसेट्स में भी जमकर पैसे लगा रहे हैं.

  • US डॉलर में मजबूती के कारण भी सोने की कीमतों में कमजोरी देखी गई है. US डॉलर और सोने की कीमतों में विपरीत संबंध हैं. हालांकि US डॉलर में मजबूती के कारण भारतीय निवेशकों को सोने के भाव में कमी का पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा है.

  • भारत समेत दुनियाभर के देशों में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. इकॉनमी में भी सुधार के संकेत स्पष्ट तौर पर दिख रहे हैं. बाजार में लिक्विडिटी के ज्यादा होने से भी लोगों का रुझान शेयर बाजार और ज्यादा रिस्क वाले एसेट में हैं. US में 1.9 ट्रिलियन डॉलर के स्टिमुलस पैकेज को लेकर भी काम आगे बढ़ा है.

  • 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में गोल्ड पर कस्टम ड्यूटी में कटौती की गई थी. इसका भी सोने की कीमतों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा.

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निवेश के लिए क्या हो रणनीति?

गोल्ड में निवेश को लेकर एक्सपर्ट्स में अलग अलग राय है. कुछ जानकार मानते हैं कि गोल्ड को हमेशा लांग टर्म इन्वेस्टमेंट की तरह लिया जाना चाहिए. पिछले 12-15 वर्षो के अंतराल में गोल्ड के प्राइस में 6-7 गुना की वृद्धि देखी गई है. ऐसे में कीमतों में इस भारी कटौती का फायदा उठाया जा सकता है. इन जानकारों के अनुसार कीमतों में कमी के साथ ही गोल्ड को पोर्टफोलियो में और भी ज्यादा जोड़ा जाना चाहिए.

विशेषज्ञों के अनुसार गोल्ड में एक बार में बड़े निवेश के सिवाय समय समय पर (Periodic) इन्वेस्टमेंट एक बेहतर विकल्प है.

वहीं कुछ अन्य निवेशकों के अनुसार गोल्ड अभी मोमेंटम में नहीं दिख रहा. यहां से आने वालों दिनों में संभव है कि गोल्ड में इन्हीं कीमतों के आसपास (साइडवेज) व्यापार दिखे. कुछ एक्सपर्ट्स के अनुसार सोने का भाव 44,000 तक भी पहुंच सकता है और इस स्तर पर येलो मेटल की खरीदी की जा सकती है.

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