वित्त राज्य मेंत्री पंकज चौधरी 21 मार्च, सोमवार को यह स्पष्ट किया कि क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) की एक ट्रेडिंग के वक्त अगर कोई लॉस होता है तो उसे क्रिप्टो के लिए की गई दूसरी ट्रेडिंग में हुए प्रोफिट से सेट ऑफ नहीं किया जा सकता है.
यानी दोनों ट्रेडिंग के दौरान एक तरफ लॉस होता है और फिर प्रॉफिट तो उस प्रॉफिट पर टैक्स देना ही होगा.
ये बातें क्रिप्टो की ट्रेडिंग को लेकर बताई गई है, उधर क्रिप्टो की माइनिंग को लेकर भी सरकार ने कुछ घोषणा की है. सरकार ने कहा कि माइनिंग में लगने वाला खर्च जैसे कि इंटरनेट या बिजली (माइनिंग के बीजली ज्यादा खर्च होती है) को सरकार काउंट नहीं करेगी, उसे इनवेस्टमेंट का हिस्सा नहीं माना जाएगा. इसलिए जो भी उस पर प्रॉफिट होगा उस पर 30 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा.
भारत में क्रिप्टो को लेकर ट्रेडिंग बहुत हो रही है इसके बावजूद आरबीआई और सरकार को इस सेक्टर को लेकर हमेशा संशय रहता है क्योंकि उन्हें डर है कि डिजिटल करंसी का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी एक्टिविटी और मूल्य अस्थिरता के लिए न किया जाए.
एनडीटीवी से WazirX के को-फाउंडर और सीईओ निश्चल शेट्टी ने कहा कि, "हर मार्केट पेयर के प्रॉफिट और लॉस को अलग-अलग मानने से क्रिप्टो में निवेश करने वालों की संख्या कम होगी और इस इंडस्ट्री का विकास भी दब जाएगा.
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