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IRFC IPO: 2021 के पहले IPO में आपके लिए क्या? जानें हर अहम बात

IPO का कुल इशू साइज अपर बैंड के आधार पर 4633 करोड़ का है.

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भारतीय रेलवे की सब्सिडियरी इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC) का IPO 18 जनवरी को खुलेगा. यह इशू 2021 में आने वाला पहला पब्लिक ऑफर भी होगा. बता दे कि IRFC, IPO लाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की पहली NBFC है. करीब 4600 करोड़ के इशू साइज वाला यह IPO 20 दिसंबर तक रिटेल निवेशकों के लिए खुला रहेगा.

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क्या करती है कंपनी?

1986 में स्थापित इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC) भारतीय रेलवे की महत्वपूर्ण इकाई है. इसका काम रेलवे की वित्तीय आवश्यकताओं के लिए बाजार से सबसे किफायती दरों पर पैसे की व्यवस्था करना है. इसके अंतर्गत कंपनी लोकोमोटिव, कोच, कंटेनर और ट्रॉली समेत विभिन्न रोलिंग एसेट की खरीद के लिए फाइनेंस की व्यवस्था करती है. IRFC इसके अलावा रेलवे मंत्रालय के अंतर्गत एंटीटीज (entities) को ऋण देने के साथ ही रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट को भी लीज करती है. IRFC रिजर्व बैंक में NBFC के तौर पर रजिस्टर्ड है और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट के तहत 'इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी' की श्रेणी में आती है.

IPO से जुटाए गए धन का इस्तेमाल इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन की सामान्य कॉरपोरेट जरूरतों और बिजनेस में विस्तार के कारण होने वाली भविष्य की कैपिटल जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा.
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कितने शेयर बाजार में?

IRFC IPO में कुल 178.2 करोड़ शेयर बिक्री के लिए होंगे. इसमें 118.8 करोड़ शेयर नए जारी किए जा रहे है जबकि 59.4 करोड़ शेयर भारत सरकार के ऑफर फॉर सेल के होंगे. IRFC के इस इशू में 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर, 35% रिटेल निवेशकों के लिए आरक्षित होगा जबकि बचे 15% शेयर नॉन इंस्टीट्यूशनल खरीदारों के लिए होंगे. IRFC के स्टेटमेंट के मुताबिक IPO में कंपनी के योग्य कर्मचारियों के लिए 50 लाख शेयर आरक्षित है.

प्राइस बैंड और लॉट-

IRFC IPO में शेयरों की बिक्री के लिए 25-26 रूपये का प्राइस बैंड तय किया गया है. रिटेल निवेशक कम से 575 या उसके मल्टीप्ल में शेयरों के लिए अपनी रूचि दिखा सकते है. अपर प्राइस बैंड पर इस तरह एक लॉट के लिए इन्वेस्टर को ₹14,950 खर्च करने होंगे. रिटेल निवेशक अधिकतम 13 लॉट के लिए आवेदन कर सकते है.

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कंपनी ने IPO लाने की अनुमति के लिए जनवरी 2020 में ही आवेदन किया था जिसके बाद SEBI से इसे फरवरी 2020 में स्वीकृति मिल गई थी.

क्या हैं उम्मीदें?

पिछले तीन दशकों में IRFC ने भारतीय रेलवे के वार्षिक प्लान आउटले (Annual Plan Outlay) का एक बड़ा हिस्सा फाइनेंस किया है. IPO मार्केट के एक्सपर्ट अभय डोशी के अनुसार रेलवे के विस्तार से IRFC को काफी फायदा मिलने की उम्मीद है.

मजबूत क्रेडिट रेटिंग और डाइवर्सिफाइड अर्निंग सोर्स (Diversified source of earning) के कारण IRFC को काफी किफायती दरों पर उधार लेने (Borrowing) का फायदा मिलता है. मजबूत एसेट-लाएबिलिटी मैनेजमेंट और लो रिस्क बिजनेस मॉडल कंपनी को और भी आकर्षक बनाती है.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस से अभय डोशी, फाउंडर, अनलिस्टेडअरेना.कॉम
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कंपनी के फाइनेंशियल्स काफी मजबूत दिखते है. 30 सितम्बर 2020 के अनुसार, कंपनी के पास कोई भी नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) नही था. IRFC का कैपिटल एडेक्वेसी रेश्यो मार्च 31,2020 को 395.39% और 31 दिसंबर सितम्बर 2020 को 433.92% था. कंपनी का रेवेन्यू वित्तीय वर्ष 2019-20 में पिछले वर्ष की तुलना में 22.15% बढ़कर 13,421 करोड़ हो गया.

कंपनी के प्रॉफिट में पिछले सालों में लगातार उछाल दर्ज की गई है. सितम्बर छमाही में IRFC का प्रॉफिट 1886 करोड़ रहा जो वित्तीय वर्ष (FY) 20 में 3192 करोड़, FY19 में 2140 करोड़ जबकि FY18 में 2001 करोड़ था.

रिपोर्ट्स के मुताबिक IPO आने से पहले ग्रे (Grey) मार्केट में IRFC का शेयर 1.00 से 1.25 रूपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है.
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बुक मैनेजर-

इस पब्लिक इशू के लिए DAM कैपिटल एडवाइजर्स, HSBC सिक्योरिटीज एंड कैपिटल मार्केट्स (इंडिया), ICICI सिक्योरिटीज एवं SBI कैपिटल मार्केट्स लीड मैनेजर की भूमिका में है.

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