देश के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक एसबीआई ने 30 लाख रुपये तक के होम लोन की ब्याज दर घटा दी है. साथ ही बैंक ने एक साल के MCLR में पांच बेसिस प्वाइंट की कटौती कर दी है. MCLR वह रेट है, जिसके आधार पर बैंक अपनी ब्याज दरें तय करता है. एसबीआई के तर्ज पर इंडियन ओवरसीज बैंक ने भी MCLR पांच बेसिस प्वाइंट घटा दिया है. इन दोनों के इस कदम के बाद और बैंकों के होम लोन सस्ते होने के आसार बढ़ गए हैं.
एसबीआई के मुताबिक इसके 30 लाख रुपये तक के होम लोन की ब्याज दर में 10 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर दी गई है. 30 लाख रुपये से कम के होम लोन की ब्याज दर अब 8.70-9 से घट कर 8.60 से 8.90 हो जाएगी.पिछले सप्ताह रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू के बाद रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट यानी चौथाई फीसदी की कटौती कर दी गई . इसके बाद से यह उम्मीद लगाई जा रही थी कि बैंक इसका फायदा होम लोन कस्टमर्स को दे सकते हैं.
फरवरी से लेकर अब तक रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती हो चुकी है लेकिन एसबीआई ने अपना MCLR सिर्फ 5 बेसिस प्वाइंट घटाया है.
1 अप्रैल से प्राइवेट बैंक आईसीआईसीआई ने एक साल का MCLR 5 बेसिस प्वाइंट घटा कर 8.75 से घटा कर 8.7 फीसदी कर दिया है.
MCLR क्या है? होम लोन रेट से क्या है इसका रिश्ता
जब आप किसी बैंक से लोन लेते हैं तो बैंक की ओर से ली जाने वाली मिनिमन इंटरेस्ट रेट को बेस रेट कहते हैं. बेस रेट से कम रेट पर बैंक किसी को लोन नहीं दे सकता. इसी बेस रेट पर बैंक अब एमसीएलआर का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसका कैलकुलेशन फंड की मार्जिनल कॉस्ट, लोन अवधि का प्रीमियम, ऑपरेशनल कॉस्ट और कैश रिजर्व अनुपात को बनाए रखने की लागत के आधार पर की जाती है. बाद में इस कैलकुलेशन के बेस पर लोन दिया जाता है. यह बेस रेट से सस्ता हो सकता है. इस वजह से होम लोन जैसे लोन भी इसके लागू होने के बाद से सस्ते हुए.
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