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ग्रामीण मांग पर बाजार की नजर, मॉनसून ने बढ़ाई बंपर पैदावर की आस  

गांव अब तक कोरोना महामारी के प्रकोप से भी काफी हद तक बचे हुए हैं

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कोरोना के कहर से मिल रही आर्थिक चुनौतियों के मौजूदा दौर में बाजार को ग्रामीण अर्थव्यवस्था से काफी उम्मीद है, क्योंकि देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान जब औद्योगिक गतिविधियां चरमरा गई थीं, उस समय भी कृषि और इससे जुड़े क्षेत्र के सारे कामकाज निर्बाध गति से चल रहे थे. यही नहीं, गांव अब तक महामारी के प्रकोप से काफी हद तक बचे हुए हैं.

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रबी फसलों की अच्छी उपज के बाद अब मॉनसून ने खरीफ सीजन में भी बंपर पैदावार की उम्मीद जगाई है, जिससे आगामी त्योहारी सीजन में ग्रामीण क्षेत्र में मांग बनी रहेगी.

औद्योगिक संगठन पीएचडी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रेसीडेंट डॉ. डी.के. अग्रवाल ने कहा कि उम्मीद की किरण ग्रामीण अर्थव्यवस्था से ही मिल रही है, क्योंकि उद्योग और सेवा क्षेत्र में काफी गिरावट देखी जा रही है लेकिन कृषि ही ऐसा क्षेत्र है जहां दो फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है.

उन्होंने कहा, "सरकार का भी फोकस गांव की तरफ है. गरीब कल्याण रोजगार अभियान और मनरेगा समेत ग्रामीण विकास की तमाम योजनाओं के तहत पैसा गांव में गया है, जिससे लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी."

अग्रवाल ने कहा कि रबी की फसल अच्छी रही है और मॉनसून अच्छा रहने से खरीफ फसलों की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद की जा रही है, जिससे ग्रामीण आबादी की आय में बढ़ोतरी होने से उनकी खरीदारी भी बढ़ेगी, जिससे बाजार को सपोर्ट मिलेगा.

भारत मौसम विज्ञान विज्ञाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, चालू मॉनसून सीजन में एक जून से 26 जुलाई तक देशभर में औसत से चार फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. देशभर में मॉनूसन के दौरान बारिश अच्छी होने से खरीफ फसलों की बुवाई में जोरदार इजाफा हुआ है. केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से बीते शुक्रवार को जारी खरीफ फसलों की बुवाई के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में 799.95 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी है, जोकि पिछले साल के मुकाबले 18.50 फीसदी ज्यादा है.खरीफ फसलों का औसत रकबा 1063.64 लाख हेक्टयर रहता है.

कारोबारी बताते हैं कि गांवों में आर्थिक गतिविधियां लॉकडाउन के दौरान भी चल रही थीं और अब भी चल रही हैं, इसलिए ग्रामीण मांग इस त्योहारी सीजन में भी बनी रहेगी.

हालांकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि बाजार के जानकार बीकानेर के पुखराज चोपड़ा ने कहा कि खरीफ फसलों की बंपर पैदावार को लेकर अभी अनुमान करना जल्दबाजी होगी क्योंकि फसल अभी लगी ही है और इसके तैयार होने में अभी काफी वक्त है, लेकिन रबी की फसल अच्छी रही है और निस्संदेह सरकारी योजनाओं का पैसा आने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, लेकिन गांव की अर्थव्यवस्था को आज मजबूती बचत की प्रवृति से मिल रही है.

उन्होंने कहा कि पहले गांव के लोगों में कर्ज लेकर खर्च करने की प्रवृति होती थी, लेकिन अब उनमें बचत की प्रवृति बढ़ रही है जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए अच्छी बात है. लोगों की क्रय शक्ति बढ़ने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि फसल अच्छी होने से लोगों को अच्छी आय होगी तो निस्संदेह उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी.

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