सीबीआई ने बुधवार को पंजाब नेशनल बैंक करीब 13,000 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले के संबंध में डायमंड कारोबारी मेहुल चोकसी और इलाहाबाद बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी उषा अनंतसुब्रमण्यम और 13 अन्य के खिलाफ चार्जशीट फाइल कर दी.
फर्जी एलओयू जारी कराने के आरोपी
पंजाब नेशनल बैंक से 7,080.86 करोड़ रुपये के जाली गारंटी पत्र जारी करने को लेकर सीबीआई ने इन लोगों पर धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. इसके अलावा चोकसी की तीन कंपनियों- गीतांजलि जेम्स लिमिटेड गिली इंडिया लिमिटेड और नक्षत्र ब्रांड्स लिमिटेड को भी आरोपपत्र में आरोपी बनाया गया है. मुंबई में एक विशेष सीबीआई अदालत में आरोपपत्र दायर किया गया. यह आरोपपत्र दूसरी एफआईआर से संबंधित है , जो कथित रूप से चोकसी और उसकी कंपनियों के बारे में हैं.
सीबीआई ने 13000 करोड़ रुपये के इस घोटाले में तीन मामले दर्ज किए हैं. इस मामले में चोकसी का भांजा नीरव मोदी भी आरोपी है. एजेंसी का आरोप है कि चोकसी और उसकी कंपनियों ने 142 गारंटी पत्रों और 58 विदेशी ऋण पत्रों के जरिये 7,080.86 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की. चोकसी और मोदी दोनों फरार हैं.
एजेंसी ने 14 मई को संबंधित मामले में हीरा कारोबारी मोदी के खिलाफ कथित रूप से 6,498.20 करोड़ रुपये की राशि की धोखाधड़ी मामले में आरोपपत्र दायर किया था. नीरव मोदी ने पीएनबी की मुंबई की ब्रैडी हाउस शाखा के जरिये जाली गारंटी पत्र हासिल कर यह कर्ज लिया था. चोकसी और मोदी की धोखाधड़ी से जुड़ी कुल राशि 13,579.06 करोड़ रुपये है.
पीएनबी की पूर्व एमडी उषा अनंतसुब्रहमण्यम के खिलाफ भी आरोप पत्र
इससे पहले, सीबीआई ने 13,000 करोड़ के नीरव मोदी फ्रॉड मामले में पंजाब नेशनल बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ उषा अनंत सुब्रह्मण्यम आरोपपत्र दायर कर दिया है. इसके अलावा सीबीआई ने और पीएनबी के दो मौजूदा डायरेक्टर के वी ब्रह्माजी राव और संजीव शरण को भी आरोपी बनाया है. सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक मौजूदा आरोपपत्र सिर्फ नीरव मोदी के घोटाले से जुड़ा है. नीवर मोदी के मामा मेहुल चोकसी मामले में अलग से चार्जशीट दायर की जाएगी.
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