ग्राउंड हो चुकी जेट एयरवेज के भविष्य पर अगले एक सप्ताह में फैसला हो सकता है. एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा है कि जेट को बचाने के लिए कई विकल्पों पर चर्चा हो रही है. साथ ही उसे उबारने से जुड़े तमाम पहलुओं के बारे में कानूनी राय भी ली जा रही है.
निवेशक जुटाने की कोशिश अब तक नाकाम
दरअसल पिछले कुछ समय से निवेशक जुटाने की जेट एयरवेज की कोशिश सिरे नहीं चढ़ रही है. जेट के पार्टनर रहे एतिहाद ने हाल में कहा था कि वह 1700 करोड़ रुपये से ज्यादा इनवेस्ट नहीं कर सकता. इसके बाद जेट के भविष्य को लेकर फिर आशंका गहराने लगी थी. लेकिन रजनीश कुमार ने कहा कि जेट एयरवेज को खरीदने के लिए कई निवेशक रूचि दिखा रहे हैं, लेकिन हमें यह देखना होगा कि उनके पास पैसा है या नहीं.
एक सवाल के जवाब में रजनीश ने कहा कि तीन निवेशक ऐसे हैं जिन्होंने तकनीकी बोली में हिस्सा लिए बगैर टेंडर जमा किए हैं. लेकिन ऐसे निवेशकों की गंभीरता की जांच करनी होगी. एसबीआई अगुआई में बैंकों के समूह ने 8400 करोड़ रुपये के कर्ज की वसूली के लिए जेट एयरवेज की प्रक्रिया शुरू की थी.
प्राइवेट इक्विटी फर्म टीपीजी कैपिटल, इंडिगो पार्टनर्स, नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड और एतिहाद एयरवेज ने तकनीकी टेंडर जमा किए थे.
क्या रद्द हो जाएगा एतिहाद एयरवेज का टेंडर ?
एतिहाद एयरवेज की जेट एयरवेज में 24 फीसदी हिस्सेदारी है. इस समय जेट एयरवेज की खरीदने की रेस में एतिहाद एयरवेज अकेली कंपनी बची है. हालांकि उसने कहा है कि वह इसमें 1700 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं लगा सकती. जबकि कंपनी को उबारने के लिए 15 हजार करोड़ रुपए की जरूरत है.जानकारों का कहना है कि बैंकों के कंसोर्टियम को एतिहाद का यह टेंडर ज्यादा आकर्षक नहीं लगा. अगले सप्ताह क्या होगा यह कहा नहीं जा सकता. लेकिन फिलहाल के हालात जेट को लेकर ज्यादा उम्मीद नहीं जगाते.
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