सेंट्रल स्टेटिक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है. यह अनुमान पिछले साल की ग्रोथ रेट से अधिक है. फाइनेंशियल ईयर 2017-18 में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.7 फीसदी दर्ज की गई थी.
साल 2018-19 में नेशनल इनकम पर डेटा रिलीज के मौके पर सेंट्रल स्टेटिक्स डिपार्टमेंट ने कहा कि फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में जीडीपी ग्रोथ रेट के 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है. एग्रीकल्चर और मेन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बेहतर ग्रोथ के कारण ऐसा हो रहा है. स्टेटिक्स डिपार्टमेंट ने पिछले साल की तुलना में इसे एक प्रत्याशित ग्रोथ बाताया है.
रिपोर्ट के मुताबिक ग्रॉस वैल्यू एडेड के फाइनेंशियल ईयर में 7 फीसदी रहने का अनुमान है, जो 2017-18 में 6.5 फीसदी था.
सेंट्रल स्टेटिक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक एग्रीकल्चर, वन निर्माण और मछली पालन का बजट फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में बढ़ाकर 3.8 फीसदी किया जाएगा. पिछले फाइनेंशियल ईयर में यह बजट 3.4 फीसदी था.
फाइनेंशियल ईयर 2018-19 मेनुफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ रेट 8.3 फीसदी होने का अनुमान है. पिछले फाइनेंशियल ईयर में रेट 5.7 फीसदी थी. सकल घरेलू उत्पाद की दर फाइनेंशियल ईयर 2016-17 में 7.1 फीसदी थी और 2015-16 में 8.2 फीसदी थी.
ज्यादातर अर्थशास्त्री पहले ही भारत की ग्रोथ रेट के अनुमान को घटाकर फाइनेंशियल ईयर 2018-19 के लिए 7 फीसदी के आसपास बता चुके हैं. लेकिन सरकार की तरफ से जीडीपी ग्रोथ रेट के 7.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है. कुछ अर्थशास्त्रियों का कहना है कि कमजोर उपभोग और कर्ज मांग में मंदी की वजह से ग्रोथ रेट पर असर पड़ सकता है.
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