वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक अखबार को हाल में दिए एक इंटरव्यू में LIC IPO के टाइमिंग पर पुनर्विचार करने की बात कहीं. ऐसा उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को ध्यान में रखते हुए कहा.
मामले की जानकारी रखने वाले एक सोर्स के मुताबिक रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते विवाद के कारण सरकार LIC IPO की टाइमिंग पर फिर से विचार करेगी. आईपीओ की टाइमिंग पर पुनर्विचार करने के लिए मीटिंग इसी हफ्ते बुलाई जा सकती है.
निर्मला सीतारमण ने इस मुद्दे पर सरकार की राय स्पष्ट करते हुए इंटरव्यू में कहा कि- "आदर्श रूप से, मैं इसके साथ आगे बढ़ना चाहूंगी क्योंकि हम केवल भारतीय बाजार को ध्यान में रखते हुए इस आईपीओ पर काफी दिनों से काम कर रहे थे". हालांकि उन्होंने आगे कहां कि- "अगर ग्लोबल स्थिति को ध्यान में रखते इस पर आईपीओ की टाइमिंग पर विचार करने की आवश्यकता पड़ती है तो हम इसपर फिर से विचार करेंगे".
उन्होंने आगे कहां- बाजार में एलआईसी आईपीओ को लेकर चर्चा है और एलआईसी के आईपीओ के लिए दिलचस्पी है. हम इसके साथ आगे बढ़ रहे हैं," हालांकि सीतारमण ने मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह भी कहा कि "अगर बाजार की स्थिति अनुकूल नहीं है तो हम समान रूप से चिंतित हैं"
मार्च के अंत तक LIC के शेयरों की होनी थी लिस्टिंग
सरकार LIC का आईपीओ लाने के लिए कई दिनों से काम कर रही है. सरकार के रोडमैप के अनुसार LIC के शेयरों की लिस्टिंग इस वित्त वर्ष (FY22) यानी 31 मार्च 2022 तक होनी थी. हालांकि अब इस बात पर संशय है.
LIC ने आईपीओ लाने के लिए 13 फरवरी को मार्केट रेगुलेटर सेबी के साथ ड्राफ्ट रेड हेररिंग प्रॉस्पेक्टस फाइल किया था. भारतीय जीवन बीमा (LIC) पूरी तरीके से सरकार की स्वामित्व वाली कंपनी है. सरकार LIC में अपनी 5% हिस्सेदारी बेचकर करीब 65,000 करोड़ रूपये जुटाने को देख रही है. ये भारत के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा.
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