भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने रविवार को कहा कि मौजूदा हालात में काफी अनिश्चितताएं हैं. ऐसे में छोटे और मध्यम उपक्रमों को बुद्धिमानी से काम लेते हुए अधिक कर्ज बोझ से बचना चाहिये.उन्होंने फिक्की लेडीज ऑर्गेनाइजेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि अगर उपक्रमों के साथ कोई पुरानी दिक्कत है तो उन्हें कम समय वाले कर्ज उठाने से बचना चाहिये.
'कारोबार अगर पटरी पर लौटता हो तो दिक्कत नहीं'
कुमार ने ‘रेस्कूइंग दी एमएसएमई सेक्टर पोस्ट कोविड-19’ विषय पर संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इस तरह की अनिश्चित्ता भरी परिस्थितियों में सभी उपक्रमों को परिचालन के लिये अधिक पूंजी की जरूरत होगी, जो बैंक मुहैया करायेंगे. लेकिन ऐसे में उपक्रमों को बुद्धिमता का इस्तेमाल करते हुए अधिक कर्ज उठाने से बचना चाहिये क्योंकि ऐसे हालात के बाद भी उन्हें कर्ज को चुकाना पड़ेगा ही और ऊपर से ब्याज भी लगेगा ही.’’
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऐसे मुश्किल समय में परिचालन के लिये अधिक पूंजी होने से अगले छह महीने से एक साल में कारोबार पटरी पर लौट जाये तो कर्ज उठाने में कोई दिक्कत नहीं है.
देशभर में 40 दिन का लॉकडाउन
बता दें कि पूरे देश में लॉकडाउन 21 दिन से बढ़ाकर 40 दिन का कर दिया गया है. 3 मई तक देश इसी मोड में रहेगा. इसके बाद भी कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुए ये नहीं कहा जा सकता कि चीजें पटरी पर लौट आएंगी.
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