मोदी सरकार इनकम टैक्स रेट में कमी कर सकती है. हालांकि टैक्स चोरी और ब्लैक मनी के खिलाफ उसका रुख और सख्त होगा. हिन्दुस्तान टाइम्स की एक खबर के मुताबिक सरकार डायरेक्ट टैक्स नियमों में बड़े सुधार कर सकती है. इसके मुताबिक सालाना दस लाख रुपये से अधिक की आय पर लगने वाले 30 फीसदी टैक्स में कटौती हो सकती है. कम आय वालों के लिए भी टैक्स स्लैब घट सकता है.
इनकम टैक्स कानून में बड़े सुधारों की तैयारी कर रही है सरकार
वित्त मंत्रालय को नए डायरेक्ट टैक्स कोड को जल्द तैयार करने को कहा गया है. साथ ही उन कंपनियों और लोगों को प्रोत्साहन देने को कहा गया है कि जो ईमानदारी से टैक्स देते हैं. वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक डायरेक्ट टैक्स कोड पर टास्क-फोर्स 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट पेश कर देगी. टास्कफोर्स देश की आर्थिक जरूरतों को देखते हुए इनकम टैक्स कानूनों की समीक्षा कर रही है.
दो साल पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने इनम टैक्स एक्ट में सुधार की जरूरत पर जोर दिया था. सरकार को उम्मीद है टैक्स रेट घटाने से लोग ईमानदारी से टैक्स देंगे. इससे सरकार का टैक्स कलेक्शन बढ़ेगा. 31 मार्च 2019 तक सरकार का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 11.18 लाख करोड़ रुपये का रहा है, जो 12 लाख करोड़ के लक्ष्य से काफी कम है.
टैक्स घटा कर बाजार में मांग बढ़ाने पर जोर
देश में दस लाख रुपये सालाना आय पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. इसमें सेस और सरचार्ज अलग से देना पड़ता है. टैक्स एसेसमेंट इयर 2017-18 में देश में डायरेक्ट टैक्स पेयर बेस सिर्फ 74,127,250 लोगों का था. सरकार का मानना है कि टैक्स रेट में कमी से लोगों की जेब में ज्यादा पैसा बचेगा और इसे वह बाजार में खर्च कर सकेंगे. इससे इकनॉमी में मांग की कमी खत्म की जा सकती है. अर्थव्यवस्था में इस वक्त मांग की कमी बनी हुई है. जीडीपी विकास दर में कमी और बेरोजगारी के ऊंचे स्तर की वजह से सरकार बड़े सुधारों की तैयारी कर रही है.
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