ग्लोबल रेटिंग एजेंसीज, मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस(MOODY'S) ने भारत के क्रेडिट रेटिंग आउटलुक को स्टेबल से बदलकर नेगेटिव कर दिया है. MOODY'S ने कहा कि आने वाले समय में आर्थिक विकास दर में गिरावट के जोखिम को देखते हुए ऐसा किया गया है.
MOODY’S ने क्या कहा?
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि सरकारी योजनाएं आर्थिक पिछड़ापन को दूर करने में असमर्थ रही हैं, जिसके कारण पहले ही उच्च स्तर के कर्ज में वृद्धि हुई है .
हालांकि मूडी ने भारत की फॉरेन और लोकल रेटिंग को 'Baa2' पर बरकरार रखा है.
“ भारत की अर्थव्यवस्था की बुनियाद काफी मजबूत हैं, भारत आज भी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, भारत की आर्थिक स्थिति अभी भी अप्रभावित बनी हुई है.”आउटलुक कट के जवाब में वित्त मंत्रालय
क्या है रेटिंग घटने का मतलब ?
मूडीज का आउटलुक घटाने का मतलब है कि वह आने वाले समय में निवेश के नजरिए से भारत की रेटिंग घटा सकती है. ऐसा होने से देश में विदेशी निवेश घट सकता है. मूडीज के ताजा आउटलुक पर सरकार ने कहा है कि चिंता की बात नहीं, अर्थव्यवस्था का आधार मजबूत है.
गौरतलब है कि इससे पहले अक्टूबर में ही मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया था. पहले मूडीज ने जीडीपी में 6.2 फीसदी की ग्रोथ होने का अनुमान जारी किया था.
इसके पहले भी कई रेटिंग एजेंसियां भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़त और यहां के नजरिए के बारे में अपने अनुमान को घटा चुकी हैं. अप्रैल से जून की तिमाही में भारत की जीडीपी में बढ़त महज 5 फीसदी रही है, जो 2013 के बाद सबसे कम है.
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