पंजाब नेशनल बैंक कर्ज लेकर लापता हो चुके भगोड़ों को ढूंढ़ने के लिए जासूसों को उतारने का प्लान बना रहा है. नीरव मोदी की ओर से बैंक को 12,700 करोड़ का चूना लगाए जाने बाद इस पर 57,519 करोड़ रुपये के बैड लोन की उगाही का भारी दबाव है.
बैंक अपना कर्जा वसूलने के लिए सीबीआई, टैक्स डिपार्टमेंट, ईडी की मदद से लेकर गांधीगीरी तक नुस्खे आजमा चुका है. बैंक के बड़े अफसरों को उम्मीद थी बदनामी के डर से कर्ज लेकर दबा लेने वाले पैसे वापस कर देंगे. लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. लिहाजा लोन लेकर भाग चुके लोगों का पता करने के लिए अब प्राइवेट जासूसों की मदद ली जाएगी. ऐसे जासूसों को पैनल में रखने के लिए बैंक ने एप्लीकेशन मंगवाएं हैं.
नीरव मोदी और राहुल चोकसी के झटके से बुरा हाल
नीरव मोदी और मेहुल चोकसी बैंक को लगभग 13000 करोड़ रुपये का चूना लगा चुके हैं. बैंक की इससे भारी बदनामी हुई. लिहाजा बैंक किसी भी तरह कर्जा वसूलने की फिराक में है. प्राइवेट जासूस रखने का फैसला उसकी इसी स्ट्रेटजी का हिस्सा है.
बैंक ने बुधवार को जासूस को पैनल में रखने के लिए एप्लीकेशन मंगवाए हैं. बैंक का कहना है कि ये जासूस फील्ड में काम कर रहे अफसरों को कर्ज उगाही में मदद करेंगे. जो लोग जासूस के तौर पर पीएनबी के लिए काम करना चाहते हैं उनसे 5 मई तक एप्लीकेशन मंगाए हैं.
एनपीए अकाउंट से जुड़ी हर जानकारी जुटाएंगे जासूस
दरअसल बैंक के सारे एनपीए अकाउंट ( (sub-standard, doubtful and loss category) डिटेक्टिव एजेंसियों के सुपुर्द किए जाएंगे ताकि ये बैंक को इनसे जुड़ी सारी जानकारियां निकाल कर दे सकें. कर्ज लेने वालों, संयुक्त रूप से कर्ज लेने वालों और मॉर्गेज के बदले कर्ज लेने वालों की तलाश की जाएगी. चाहे वे भारत में हों या इसके बाहर. इनमें उन लोगों के उत्तराधिकारी भी होंगे, जिनका बैंक के रिकार्ड पर दर्ज पते में कोई अता-पता नहीं मिल रहा है.
जासूसों को डिफॉल्टर्स के मौजूदा पते, पेशे, कारोबार, आय की स्थिति और संपत्तियों का ब्योरा जुटाना होगा. डिफॉल्टरों और गारंटरों के बैंक अकाउंट के ब्योरे जुटाने होंगे और 60 दिनों के अंदर रिपोर्ट देनी होगी.
भारतीय स्टेट बैंक के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे बड़े बैंक पीएनबी का एनपीए बढ़ कर 57,519 करोड़ रुपये हो चुका है. दिसंबर 2017 में बैंक के सकल एडवांस का यह 12.11 फीसदी है.
इनपुट - पीटीआई
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