भारत में पिछले एक साल में रिटेल लोन में तेजी आई है. इसमें भी गोल्ड लोन और क्रेडिट कार्ड बिजनेस में खासी बढ़ोतरी देखी गई है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, रिटेल या पर्सनल लोन में पिछले 12 महीनों में जुलाई 2021 तक 11.2 फीसदी का उछाल आया है. जबकि उससे पिछले 12 महीनों में ये बढ़ोतरी सिर्फ 9 फीसदी थी.
रिटेल या पर्सनल लोन कुल बैंक क्रेडिट का 26 फीसदी होता है. रिटेल लोन में भी गोल्ड लोन का हिस्सा बढ़ गया है. एक्सप्रेस की रिपोर्ट का कहना है कि गोल्ड लोन जुलाई 2021 तक 77.4 फीसदी से बढ़ गया.
देश के सबसे बड़े बैंक SBI में जून 2021 तक गोल्ड लोन में 338.76 प्रतिशत का उछाल देखा गया. एक बैंक अधिकारी ने कहा, "कुल गोल्ड लोन बुक 21,293 करोड़ रहा है."
क्या संकेत मिलते हैं?
गोल्ड लोन में बढ़ोतरी कोविड-19 संकट की वजह से बढ़ी चिंता का संकेत देती है. कोरोना महामारी के बाद हुआ लॉकडाउन, नौकरियां जाना, सैलरी में कमी और स्वास्थ्य खर्चे बढ़ने से लोगों के बीच डर पैदा हुआ है.
इंडियन एक्सप्रेस से एक सरकारी बैंक के अधिकारी ने कहा, "लोगों को गोल्ड गिरवी रखकर लोन लेना ज्यादा आसान लगता है. मौका देखकर बैंकों ने भी लोन बढ़ा दिए क्योंकि इस बिजनेस में रिकवरी मुश्किल नहीं है."
जुलाई 2021 तक 12 महीनों के अंदर क्रेडिट कार्ड बिजनेस भी 9.8 फीसदी बढ़कर 1.11 लाख करोड़ हो गया है. एक्सप्रेस का कहना है कि क्रेडिट कार्ड से खर्चा विवेकाधीन फैसला है लेकिन ये दिखाता है कि लोग ज्यादा ब्याज दर वाला उधार भी ले रहे हैं.
रिटेल सेगमेंट में सबसे बड़ा हिस्सा (51.3%) रखने वाले हाउसिंग लोन में पिछले 12 महीनों में गिरावट आई है. जुलाई 2021 तक इसमें सिर्फ 8.9% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि उससे पिछले 12 महीनों में ये तेजी 11.1% की थी. व्हीकल लोन जुलाई 2021 तक 7.3% बढ़ा है, जबकि उससे पिछले साल ये 2.7% था.
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