शेयर बाजार लगातार नौवें दिन गिर गया. अब तक सेंसेक्स 1,900 अंक लुढ़क चुका है. बाजार पर फिलहाल अंतरराष्ट्रीय हालातों का असर है लेकिन इस पर चुनाव नतीजों के अनुमानों की छाप भी दिख रही है.बाजार को किसी एक पार्टी को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है और इस वजह से यहां बिकवाली का जोर दिख रहा है. बाजार अब 23 मई के नतीजों का इंतजार कर रहा है.
सोमवार को आखिरी वक्त में बिकवाली की वजह से शेयर बाजार गिर कर बंद हुए. सेंसेक्स 372.17 प्वाइंट गिर कर 37090.82 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 11,500 के नीचे बंद हुआ. निफ्टी 130.70 प्वाइंट गिर कर 11148.20 पर बंद हुआ. आखिर बाजार का यह हश्र क्यों होता जा रहा है. आइए जानते हैं.
इलेक्शन रिजल्ट के अनुमानों का असर
बाजार इस वक्त चुनावी सेंटिमेंट से गुजर रहा है. शेयर बाजार को अब एनडीए के नेतृत्व में नरेंद्र मोदी की सरकार बनती नहीं दिख रही है. इससे पहले उसे नरेंद्र मोदी की जीत की संभावना दिख रही थी. लेकिन अब उसके लिए यह तस्वीर धुंधली लग रही है. इसी आशंका से बाजार गिर रहा है.
ट्रेड वॉर का असर बरकरार
चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर की तल्खी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. अमेरिका चीनी आयात पर टैरिफ बढ़ाता जा रहा है. लेकिन चीन ने भी झुकने के संकेत नहीं दिए हैं. ट्रेड वॉर के और तेज होने की आशंका से चीनी शेयर सोमवार को गिर गए. भारतीय बाजार पर भी इसका असर दिखा.
ट्रंप ने शनिवार को कहा था कि वह चीन के खिलाफ अपना कड़ा रुख बरकरार रखेंगे, जबकि चीन ने कहा था कि ट्रेड डील के लिए उसके यहां अभी और बैठकें होनी हैं.उसने अमेरिकी रुख के सामने झुकने से इनकार कर दिया है.
मिडिल ईस्ट में तनाव
यूएई ने रविवार को कहा कि चार जहाजों पर होरमुज जलसंधि के पास हमला किया गया. यह वह इलाका है जहां से ज्यादातर तेल के जहाज गुजरते हैं.सऊदी अरब ने कहा कि उसके दो जहाजों पर हमले किए गए. इन हालातों में कच्चे तेल के दाम में इजाफा हो सकता है. बाजार की गिरावट में इस फैक्टर का भी हाथ रहा.
रुपये में गिरावट
चीन और अमेरिका बीच ट्रेड वॉर की वजह से रुपया डॉलर के मुकाबले 46 पैसे गिर गया. तेल के दाम में बढ़ोतरी की वजह से डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आ रही है. घरेलू शेयर बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों का असर दिख रहा था.
चौथी तिमाही के खराब नतीजे
कई कंपनियों की चौथी तिमाही के नतीजों में गिरावट दर्ज की गई है. इनमें से एक है दिग्गज कंपनी ITC. कंपनी के मार्जिन में गिरावट ने बाजार में निराशा पैदा की है. बाजार विश्लेषकों का कहना है कि ज्यादातर कंपनियों ने उम्मीद से खराब प्रदर्शन किया है.
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