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सेंसेक्स पहली बार 54,000 के पार, जानें क्या है बाजार में तेजी की वजह

Sensex सुबह 11:45 बजे,करीब 415 अंक की तेजी के साथ पहली बार 54,200 के ऊपर ट्रेड कर रहा था.

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बुधवार को कारोबार के शुरूआती घंटो में भारतीय शेयर बाजार में रही उछाल से बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) ने अपना नया लाइफटाइम हाई बनाया. सेंसेक्स ने अपना नया शिखर बनाते हुए पहली बार 54,000 का आकड़े पार किया. विदेशी बाजारों से आये तेजी के रुझान के बीच घरेलू बाजार ने भी मजबूत शुरुआत की थी. बैंक और फाइनेंशियल सर्विस आधारित इंडेक्स में जमकर खरीदारी हो रही है.

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सुबह 11:45 बजे, सेंसेक्स करीब 415 अंक की तेजी के साथ पहली बार 54,200 के ऊपर ट्रेड कर रहा है. वहीं, निफ्टी 107 अंक की मजबूती के साथ 16,250 के पास ट्रेड कर रहा है.

निफ्टी पैक में HDFC, ICICI बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के स्टॉक्स में सबसे ज्यादा उछाल है. जबकि ग्रासिम, टाटा मोटर्स और सनफार्मा के शेयरों में कमाजोरी है.

बाजार के बुलिश सेंटीमेंट की क्या है वजह?

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने बीते दिन मंगलवार को बाजार में नेट रूप से करीब ₹ 2,116. करोड़ के शेयर खरीदे.

FII पिछले कई दिनों से बाजार में प्रॉफिट बुकिंग कर रहे थे, हालांकि आखिरी कारोबारी दिन उनके द्वारा बाजार में भारी खरीदारी देखी गयी.

बेहतरीन आर्थिक आकड़े

जुलाई 2020 की तुलना में इस साल जुलाई में GST कलेक्शन 33.4% ज्यादा रही. इससे अर्थव्यवस्था में रिकवरी का अंदाजा लगाया जा रहा है.

जून 2020 की तुलना में इस वर्ष निर्यात में करीब 48% की उछाल देखी गयी.

जुलाई महीने में IHS मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) जून महीने के 48.1 से बढ़ते हुए 55.3 रहा. कोविड के घटते मामले और लोकल लेवल पर प्रतिबंध में ढील देने से जुलाई महीने में मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स में रिकवरी देखने को मिली.

अच्छे कॉर्पोरेट नतीजों से बुल्स को मार्केट का फंडामेंटल सपोर्ट मिल रहा है. घटते राजकोषीय घाटे, बढ़ते कर संग्रह और जुलाई महीने में निर्यात में 48% की बढ़ोतरी से देश की मैक्रो अर्थव्यवस्था बहुत सकारात्मक दिख रही है. पीएमआई (PMI) जो कि जुलाई महीने में 55.3 पर रहा, आर्थिक गतिविधियों में संभावित तेजी का संकेत दे रही है.
VK विजयकुमार, जियोजित फाइनेंशियल
भारत में कोविड की दूसरे लहर के बावजूद ज्यादातर कंपनी के (FY21) के जून तिमाही नतीजे मार्केट के उम्मीद पर खरा उतरने में सफल में रहे हैं. मार्केट के नये ऊंचाई पर इसका काफी अहम फैक्टर हो सकता है.

आगे के लिए क्या है संकेत?

मार्केट के लिए कोविड की तीसरी लहर और महंगाई दर परेशानी खड़ी कर सकती है. अभी भी भारत में काफी लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है, ऐसे में एनालिस्ट और एक्सपर्ट मानते हैं कोविड की तीसरी लहर आर्थिक गतिविधियों में रुकावट पैदा कर सकती है.

जानकारों के मुताबिक मार्केट का ट्रेंड लॉन्ग टर्म में अभी भी बुलिश है. हालांकि शॉर्ट टर्म में बाजार में वोलैटिलिटी देखने को मिल सकती है.

बीते दिन मंगलवार को भी शेयर बाजार चढ़ा था. सेंसेक्स में 900 प्वाइंट्स की तेजी रही थी. वहीं, निफ्टी करीब 250 प्वाइंट्स की उछाल के साथ बंद हुआ था.

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