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Ashneer Grover:Shark tank India जज की अपनी ही कंपनी BharatPe से क्यों हुई विदाई?

Ashneer Grover resign: अपने हाथों से बनाए टैंक में आखिर शार्क खुद क्यों डूब गई. यहां पढ़िए इसी के मुख्य कारण

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Shark Tank India Judge Ashneer Grover resign : शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) जैसे बिजनेस रिएलिटी शो में लोगोंं के बिजनेस आइडिया को जज करके उनका करियर बनाने वाले आंत्रप्रेन्योर और बिजनेसमैन अशनीर ग्रोवर ( Ashneer Grover) का खुद का करियर ही गड़बड़ा गया है. अशनीर ग्रोवर ने फिनटेक भारतपे (BHARATPE) के प्रबंध निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है. इस कंपनी के वह को-फाउंडर थे. अशनीर ग्रोवर को छप्पर-फाड़ कमाई देने वाले धांसू बिज़नेस आईडियाज देने वाले बिजनेस मैन के तौर पर जाना जाता है. शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) में जज भी उनकी इसी क्षमता को देखकर बनाया गया था. ऐसा क्या हुआ कि अशनीर को अपनी ही कंपनी से इस्तीफा देना पड़ा?

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शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) की इस बड़ी 'शार्क' की मुश्किलों पर गौर करने के लिए हमें उनके भारतपे (BHARATPE) के साथ हुए विवादों की श्रंखला पर गौर करना होगा. अपनी ही कंपनी के साथ उनकी मुश्किलें तब शुरू हुईं, जब उनका एक ऑडियो टेप लीक हुआ. इस ऑडियो में वह कोटक महिंद्रा बैंक की कोटक वेल्थ मैनेजमेंट (Kotak Wealth Management) विंग के एक कर्मचारी को बेहद अभद्र भाषा में धमका रहे थे. उन्होंने उस कर्मचारी को घर से निकालकर एनकाउंटर तक करने की धमकी दे डाली थी.

जब ऑडियो लीक हुआ तो अशनीर ने इस पर अफसोस जाहिर करने की बजाय इसे किसी ब्लैकमेलर घोटालेबाज की पैसे वसूलने की साजिश करार दिया और इसे ट्वीट भी कर दिया .

यहां से बिगड़ा मामला

ऑडियो लीक के बाद अशनीर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर ने कोटक महिंद्रा बैंक पर और अधिक आक्रामक होते हुए नायका (NYKAA) के IPO में फाइनेंस उपलब्ध ना करा पाने को लेकर बैंक को लीगल नोटिस भेज दिया और हर्जाना भी मांगा. बदले में कोटक महिंद्रा बैंक ने अपने कर्मचारी से गाली-गलौज करने के मामले को लेकर अशनीर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी. यहां से मामला बिगड़ने लगा.

जांच ने बढ़ाई मुश्किल

एक दिन अचानक अशनीर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए खुद के 31 मार्च तक छुट्टी पर जाने की सूचना दी. लेकिन कयास लगाए गए कि कंपनी के बोर्ड और निवेशकों ने उनकी वजह से कंपनी की साख पर बट्टा लगने के कारण उन्हें तीन महीने की छुट्टी पर भेजा था. अब तक भारतपे (BHARATPE) के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर और कंपनी के बोर्ड के बीच विवाद की बातें खुलकर सामने आने लगी थीं. कंपनी ने उनकी एक रिस्क एडवाइजरी कंपनी अल्वारेज एंड मार्सल (Alvarez & Marsal) से जांच कराने का फैसला किया. इसकी रिपोर्ट से चौंकाने वाले खुलासे हुए. अशनीर ग्रोवर, उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर व साले श्वेतांक जैन द्वारा कंपनी में कई वित्तीय अनियमितताएं व घोटाले किए जाने की बात इस रिपोर्ट से सामने आई.

रिपाेर्ट के अनुसार अशनीर की पत्नी माधुरी और साले श्वेतांक ने फर्जी बिल लगाकर पैसा के गबन किया था. पानीपत जिले के कई वेंडर्स के नाम से फर्जी बिल लगाए गए. अशनीर की पत्नी माधुरी और साला दोनों ही पानीपत के रहने वाले हैं. 11 करोड़ रुपए के फर्जी बिल लगाए गए और 30 वेंडर्स को 53 करोड़ के आसपास का पेमेंट किया गया.
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जॉब घोटाले के आरोप

इतना ही नहीं अशनीर के नाम पर कंपनी में जॉब घोटाला का भी आरोप लगा. रिपोर्ट में उल्लेख है कि भारतपे में कुछ जॉब कंसलटेंट कंपनियों को हायर किया गया. उनके द्वारा कुछ लोगों को नौकरी पर रखा गया. इसके लिए कंपनी को मोटी फीस अदा की गई, लेकिन बाद में कंपनी के कागजों में शो किया गया कि यह कर्मचारी कंसलटेंट कंपनी के माध्यम से नहीं बल्कि सीधे ही रिक्रूट किए गए हैं. जबकि कंसलटेंट कंपनी के बिलों में उनके द्वारा एंप्लाइज को ज्वाइन कराने का उल्लेख है.

इस तरह से कंपनी में आए कर्मचारियों में से तीन के बिल अशनीर की पत्नी माधुरी ने पास किए थे. इससे इस नौकरी घोटाले के तार सीधे अशनीर के घर से जुड़ गए. इस नौकरी घोटाले पर कार्रवाई करते हुए कंपनी ने 15 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया.

कंपनी चलाने दें, या मुझे खरीद लें

इस विवाद में अपानी स्थिति कमजाेर देख अशनीर ने कंपनी को अपनी 8.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने और कंपनी छोड़ने के लिए निवेशकों से 4,000 करोड़ रुपये मांगना शुरू कर दिए. अशनीर ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि

अगर बोर्ड मुझे एमडी नहीं देखना चाहता तो मेरे 4,000 करोड़ रुपये मुझे दे दे. मेरा मार्केट प्राइस इस समय 6 बिलियन डॉलर है. मैंने सबसे बड़ा पीयर-टू-पीयर प्लेटफॉर्म बनाया, मैंने पोस्टपे, बीएनपीएल भी खड़े किए. पीएमसी का भी विलय कराया. मेरे इन कामों का 6 बिलियन डॉलर मूल्यांकन किया जाए. या तो मुझे कंपनी चलाने दें या मुझे खरीद लें.
अशनीर ग्रोवर

हालांकि फिनटेक के निवेशक और बोर्ड की ओर से उनका 2.85 अरब डॉलर का मूल्यांकन और मौजूदा डॉलर-रुपये की विनिमय दर पर उनकी हिस्सेदारी करीब 1,824 करोड़ रुपये ही बताई गई थी. दोनों के बीच तब कोई फाइनल डील नहीं हो पाई थी.

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पत्नी की बर्खास्तगी

हाल ही में BharatPe ने पैसों की हेराफेरी के इन आरोपों पर कार्रवाई करते हुए अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) की पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर को बर्खास्त कर दिया और उनके ESOP को भी कैंसल कर दिया है. टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार माधुरी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने कंपनी का फंड खुद के ब्यूटी ट्रीटमेट के लिए और निजी सामान खरीदने में लगाया और कंपनी के पैसे से ही अमेरिका और दुबई में यात्राएं कीं. माधुरी पर अपने पर्सनल स्टाफ को भी कंपनी के अकाउंट से पेमेंट करने के आरोप हैं. इसके बाद एक्शन लेते हुए कंपनी ने माधुरी जैन ग्रोवर की सेवाएं खत्म कर दीं और उनके मौजूद शेयर भी निरस्त कर दिए.

आखिरी उम्मीद भी नहीं बची थी

अशनीर ग्रोवर के पास फिनटेक भारतपे (BHARATPE) के प्रबंध निदेशक पद से जाने का ही ऑप्शन बचा था. क्योंकि वह अपनी आखिरी उम्मीद मध्यस्थता के फ्रंट पर भी हार गए थे. उन्होंने खुद पर हुई जांच को गलत ठहराते हुए फिनटेक प्लेटफॉर्म के खिलाफ सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) में मध्यस्थता याचिका दायर की थी. इसमें अशनीर ग्रोवर की दलील थी कि उनके खिलाफ की जा रही जांच अवैध थी, क्योंकि इसमें शेयरहोल्डर एग्रीमेंट और एसोसिएशन के रूल्स का उल्लंघन किया जा रहा था.

वह यह मध्यस्थता केस भी हार चुके हैं. इसके साथ ही उनकी आखिरी उम्मीद भी नहीं बची थी, सो इस्तीफा ही उन्हें सही विकल्प लगा होगा. इसके बाद उनके खिलाफ की जा रही भारतपे की जांच जारी रहेगी.

इस्तीफा बचने का पैंतरा?

अश्नीर के इस्तीफे के बाद यह भी चर्चाएं चल निकली है कि उनका आगामी सालाना ऑडिट से पहले कंपनी छोड़ना भी सोचा समझा कदम है. ऑडिट में उनके लिए मुश्किलें पैदा करने वाली चीजें सामने आ सकती थीं. ऐसी सुगबुगााहट है कि अल्वारेज और मार्सल ने फिनटेक भारतपे (BHARATPE) में अशनीर ग्रोवर के प्रबंध निदेशक पद के दौरान काफी वित्तीय अनियमितताओं की रिपोर्ट सौंपी है. उनके कार्यकाल में ऐसी संस्थाओं को 53.25 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जो मौजूद ही नहीं हैं. साथ ही भर्ती प्रक्रियाओं में अनियमितताएं के घोटाले भी और उग्र रूप में सामने आ सकते हैं.

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