ADVERTISEMENTREMOVE AD

कानपुर टैनरीज इंडस्ट्री का किलर बना कुंभ,अब भी खोलने की इजाजत नहीं

कुंभ में कानपुर की टैनरीज बंद करा दी गई थीं लेकिन अभी भी इन्हें खोलने की इजाजत नहीं मिली है

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

कानपुर में कुंभ से पहले बंद कराई गईं टैनरीज अब तक खुल नहीं पाई हैं. कुंभ के लिए कानपुर की 125 टैनरीज दिसंबर से मार्च के तक लिए बंद कर दी गई थीं लेकिन अब भी इन्हें खोलने की इजाजत नहीं मिली. है. इससे कानपुर की टैनरीज इंडस्ट्री को 7000 करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इन बंद पड़े टैनरीज में से एक जमाल मखदूम इंटप्राइजेज के मालिक काजी नैयर जमाल ने कहा

हमें कुंभ की वजह से दिसंबर से मार्च तक टैनरीज बंद रखने को कहा गया था. हमने कुंभ के सम्मान में इन्हें बंद रखा. लेकिन अब तक खोलने की इजाजत नहीं मिली है. हम तो फंस गए हैं. 

वोटों की राजनीति में फंस गए हैं टैनरीज मालिक?

कानपुर के लेदर इंडस्ट्रीज वेलफेयर एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट मोहम्मद अर्शी ने कहा कि कानपुर के टैनरी मालिकों को जानबूझ कर निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वे योगी के वोट बैंक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि ज्यादातर टैनरीज मालिक मुसलमान हैं. इसलिए उन्हें गंगा प्रदूषण का विलेन बनाया जा रहा है. जमाल का कहना है कि कानपुर की टैनरीज इंडस्ट्रीज को अब अगली सरकार से ही उम्मीद है.

उत्तर प्रदेश के MSME मिनिस्टर और कानपुर से बीजेपी के उम्मीदवार सत्यदेव पचौरी ने कहा कि टैनरीज क्रोमियम समेत दूसरा कचरा गिरा कर गंगा को प्रदूषित कर रही हैं. टैनरीज को अपनी टेक्नोलॉजी अपग्रेड करनी होगी वरना उन्हें यहां से जाना पड़ेगा.

बंद यूनिटों की वजह से 7 हजार करोड़ का घाटा

गंगा के प्रदूषण के लिए कानपुर की टैनरीज को भी जिम्मेदार ठहराया जाता है. प्रदूषित कचरा गंगा के पानी में गिरता है. इस वजह से टैनरीज के खिलाफ वक्त-वक्त पर अभियान चलता रहता है. अर्शी ने कहा पिछली सरकारों के दौरान टैनरी मालिक कुंभ के दौरान हर नहान केतीन दिन पहले खुद ब खुद काम रोक देते थे. कानपुर में 400 टैनरीज रजिस्टर्ड हैं. इनमें से 262 काम कर रही थीं. लेकिन कुंभ के बाद अब सिर्फ 26 में ही काम हो रहा है. बाकी बंद हैं. इससे कानपुर की इस इंडस्ट्री को 7 हजार करोड़ का घाटा हुआ है.

इनपुट : PTI

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×